महाजेंको ने शुरू की पेड़ों की कटाई,मचा बवाल

सामना – रायगढ़ – तमनार ब्लाक के सराईटोला के आश्रित ग्राम मुड़ागांव में कोल ब्लॉक शुरु करने के लिए वन भूमि में जंगलों की कटाई शुरू हो चुकी है।जिसका आसपास के गांवों के आदिवासी यह कहकर विरोध जता रहे हैं कि क्षेत्र में ऐसे ही जंगल कम हो रहे हैं,उस पर कोल ब्लॉक के नाम पर बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई करना सरासर गलत है।
मुड़ागांव में पेड़ों की कटाई के लिए गुरुवार को पुलिस बल के साथ जंगलों में धावा बोला गया। इसकी जानकारी मिलते ही आसपास के गांवों के आदिवासी, लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार, पूर्व मंत्री सत्यानंद राठिया विरोध करने वहां पहुंचे, जिसके बाद पुलिस ने विरोध कर रहे सभी नेताओं और आदिवासियों को बलपूर्वक गिरफ्तार कर वहां से हटाया।
14 गांव होंगे प्रभावित
महाजेंको को तमनार में गारे पेलमा सेक्टर 2 कोल ब्लॉक आवंटित है। इसके लिए करीब 2600 हे. भूमि का अधिग्रहण होने वाला है, जिसमें 14 गांव लिबरा, डोलेसरा, टिहली रामपुर, पाता, ढोलनारा, मुड़ागांव, चितवाही, झिंकाबहाल, रोड़ोपाली, सारसमाल, कुंजेमुरा, भालूमुड़ा, गारे और सराईपाली प्रभावित हो रहे हैं।
14 गांवों की करीब ढाई हजार हेक्टेयर भूमि कोल ब्लॉक में जाने वाली है। 22 मिलियन टन प्रतिवर्ष ओपन कास्ट और 1.6 एमटी अंडरग्राउंड कुल 23.6 एमटी प्रतिवर्ष कोयला उत्पादन का लक्ष्य है। 2583 हे. पर माइनिंग लीज स्वीकृत की गई है जिस पर भूअर्जन की कार्यवाही जारी है। अभी 14 में से दो गांव मुड़ागांव और रोडोपाली का सर्वे बाकी है।
शासन ने दी वन भूमि की अनुमति
कंपनी ने कोल ब्लॉक को डेवलप करने के लिए एमडीओ एक निजी उद्योग प्रबंधन को दिया है।इस निजी उद्योग प्रबंधन ही पूरा भूअर्जन, वनों की कटाई, कोयला खनन करके प्लांट तक पहुंचाएगा। खदान के लिए निजी भूमि का अधिग्रहण अभी तक नहीं हो सका है। इसलिए शासन ने कंपनी को वन भूमि से काम शुरू करने की अनुमति दे दी।
एसडीएम घरघोड़ा ने मार्च में दी थी अनुमति
14 गांवों के करीब ढाई हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कोल ब्लॉक फैला हुआ है। 27 मार्च 2025 को एसडीएम घरघोड़ा रमेश मोर ने मुड़ागांव सरपंच व सचिव को आदेश दिया था। रायगढ़ डीएफओ ने मुड़ागांव के रिजर्व फॉरेस्ट कम्पार्टमेंट 740पी और 741 पी में वृक्षों की कटाई को अनुमति दी थी। एसडीएम ने आदेश दिया था कि 28 मार्च से वन विभाग ही पेड़ों की कटाई करेगा। इसके लिए सरपंच और सचिव को ग्रामवासियों के सहयोग से काम पूरा कराने का आदेश दिया गया था। इसके विरोध में सराईटोला सरपंच ने कलेक्टर से शिकायत की थी। ग्रामीणों का कहना है कि ढोलनारा गांव में भी कंपनी ने बिना ग्राम सभा की सहमति के जंगल कटाई शुरू कर दी।
ग्रामीणों का आरोप हमारी सहमति नहीं ली गई
ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सहमति के बिना यह कटाई शुरू की गई है।हमारे पूर्वजों ने इन जंगलों को संरक्षित किया है और यह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, जिनकी जीविका ही जंगल के भरोसे चलती है। उन्होंने ग्राम सभा की अनुमति लिए बगैर सीधे जंगल काटने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि पेड़ों की कटाई को रोकने कोर्ट में भी याचिका लगाई है लेकिन सुनवाई से पहले ही अचानक पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई।
