Chhattisgarh की एक ओर से अयोध्या जायेगी 50 डॉक्टर्स की टीम

Samna:- Chhattisgarh – Ayodhya:- 11 jan 2024:- अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी तेज हो गई है। इसे लेकर हर तरफ उत्साह का माहौल है। भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से अयोध्या के लिए 3000 हजार क्विंटल चावल भेजने के बाद अब 100 टन सब्जी भेजी जाएगी।
इससे पूर्व आज गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे 50 डॉक्टर्स की टीम अयोध्या के लिए रवाना होगी।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल राजधानी के वीआईपी रोड स्थित श्रीराम मंदिर से 50 डाक्टरों की टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। श्री सत्य साई संजीवनी हॉस्पिटल की ओर से 50 डॉक्टर्स की टीम अयोध्या में राम भक्तों के लिए सेवा देगी। उनकी स्वास्थ्य परीक्षण करेगी।
100 टन सब्जी जाएगी अयोध्या
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बीते दिनों राज्य अतिथि गृह पहुना में छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान संघ के सदस्यों ने मुलाकात की। इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री को दुर्ग जिले के कुम्हारी में 12 और 13 जनवरी को आयोजित दो दिवसीय किसान मेला में शामिल होने के लिए न्योता दिया। किसान संगठन ने 100 टन सब्जी अयोध्या भेजने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री साय ने किसानों के इस प्रयास पर मुहर लगा दी है। जल्द ही किसान 100 टन सब्जी इकट्ठा भगवान राम को अर्पण करेंगे। किसान संघ के अध्यक्ष विरेन्द्र लोहान ने सीएम को बताया कि मेले में किसान भाइयों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के कृषि उत्पादों एवं आधुनिक यंत्रों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। कृषि विशेषज्ञों की संगोष्ठी आयोजित की जाएगी।
छत्तीसगढ़ के लोग भगवान राम को मानते हैं भांजा
छत्तीसगढ़ में सिर्फ भगवान राम को पूजते ही नहीं है बल्कि प्रदेश के लोग उन्हें अपना भांजा भी मानते हैं। यहीं वजह है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे चंदखुरी में सफेद कमल खिले तालाब के बीचों बीच माता कौशल्या का भव्य मंदिर है। इसे 10वीं शताब्दी में बनाया गया था। त्रेता युग में इसे कौशलपुर नगरी के नाम से पुकारा जाता था।
माता कौशल्या का मायका है छत्तीसगढ़
पुराणों के मुताबिक, भगवान राम की माता कौशल्या का जन्म स्थान छत्तीसगढ़ है। यह उनका मायका है। भगवान राम का ननिहाल है। चंदखुरी में बने भव्य मंदिर में माता कौशल्या की गोद में भगवान राम बैठे हुए दिखाई देते हैं। इसी जगह को भगवान राम का ननिहाल कहते हैं। भूपेश सरकार में राम वनगमन पथ के तहत इस मंदिर का भव्य निर्माण किया गया है। अभी भी पथ का निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम जब वनवास पर निकले थे तो यही से उन्होंने दक्षिण भारत की यात्रा की शुरुआत की थी।
