छत्तीसगढ़ में जल्द बढ़ेंगी जमीनो की कीमत,नई दर होंगी लागू

25% तक बढ़ सकती है जमीनों की कीमत
सामना- छत्तीसगढ़ में जल्द ही जमीन गाइडलाइन की नई दर लागू होने वाली है। पंजीयन विभाग ने प्रदेश के 33 जिलों में जमीन की प्रचलित दर का सर्वे पूरा कर लिया है। माना जा रहा है कि नई दरें 1 जुलाई से लागू होंगी
राज्य में सबसे अधिक जमीनें किसानों के पास ही है। किसी भी उपयोग के लिए सरकार द्वारा जो अभी जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है उसका मुआवजा मौजूदा गाइडलाइन दर पर होता है। जबकि किसानों को रोड से लगी जमीनों की असली कीमत गाइडलाइन से 10-10 गुना तक अधिक है। अब सरकार किसान की जमीन लेगी तो उसे भी नई दरों के हिसाब से मुआवजा देना होगा।
छत्तीसगढ़ में सालों से नहीं बढ़ी दरें
छत्तीसगढ़ में जमीनों की गाइडलाइन दर लागू करने के संबंध में नियम है कि हर साल 1 अप्रैल को नई (रिवाइज्ड) गाइडलाइन दर लागू करने का नियम है।लेकिन पूर्ववर्ती कांवोस सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में एक बार भी इन दरों में बदलाव नहीं किया। लेकिन इससे पहले भी रमन सरकार के आखिरी पांच साल के कार्यकाल में 2017-18 में भी 1 अप्रैल को गाइडलाइन जारी की गई, लेकिन दर में कोई बदलाव नहीं हुआ। इस हिसाब से देखा जाए तो राज्य में बरसों से जमीन का सरकारी मूल्य यथावत है।
बिल्डरों की मनमानी पर आएगी कमी
जमीनों के सौदे के मामले में माना जाता है कि अधिकांश बड़ी टाउनशिप, कालोनियों के निर्माण के दौरान बिल्डर गाइडलाइन रेट के बजाय अपने हिसाब से जमीन की कीमत ग्राहक से वसूलते हैं और अंतर की राशि कच्चे में ली जाती है। यानी कम कीमत की जमीन का मूल्य अत्याधिक बढ़ाकर बिल्डर पैसा वसूलते हैं। अब नई दरें आने से इस काम में कमी होगी।
25% तक बढ़ सकती है जमीनों की कीमत
नई गाइडलाइन दर आने के साथ ही पूरे राज्य में जमीन की कीमत कम से कम 10 प्रतिशत 15- या 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। कुछ खास इलाकों में यह दर 25 प्रतिशत तक भी अधिक होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। जमीनों के मूल्य के सर्वे के दौरान अधिकारियों को मालूम हुआ है कि किस क्षेत्र में जमीन का प्रचलित मूल्य क्या है। इसी आधार पर नए रेट बनेंगे। रायपुर के 50 किलोमीटर के दायरे (रेडियस) में जमीन सबसे अधिक महंगी होने की संभावना है।
