August 2, 2025

Raigarh टीपाखोल जलाशय का अस्तित्व बचाने कलेक्टर को ज्ञापन,

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सामना – रायगढ़- किसानों के सिंचाई और सतही भू:जल स्तर को मजबूत बनाए रखने के लिए 1967 में टीपाखोल जलाशय के निर्माण की नींव रखी गई और इसका निर्माण सन् 1975 में संपूर्ण हुआ जो जनता को सुपुर्द किया गया।

जिसमें 1800 एकड़ के लगभग खेती जमीन में सिंचाई करने के लिए और इससे रायगढ़ शहर के उत्तरी बसाहट में भू :जल स्तर को मजबूत बना रखने का प्रयास होते रहा।जिससे नहरें रायगढ़ शहर के तत्कालीन ढिमरापुर और वर्तमान में सेठ किरोड़ीमल चौक तक विद्यमान रही।

टीपाखोल जलाशय का सिंचाई रकबा लगभग एक चौथाई यानी की 400 एकड़ से भी कम हो गया और सतही भूजल बढ़िया बनाए रखने वाली नहरों का भी नामों-निशान अब दिखता नहीं,अब इस टीपाखोल जलाशय पर खनिज माफिया की नजर लग गई जो शासकीय भूमि में 50 साल की खनिज लीज का पट्टा क्वार्टजाइट उत्खनन के लिए दे दिया गया।

रायगढ़ बचाओ लड़ेंगे रायगढ़ के विनय शुक्ला,सुरेश साहू,संतोष यादव(गुड्डा),प्रकाश पंडा,अक्षत खेडुलकर,अभिषेक चौहान, मुजीब अहमद, तिजेश जयसवाल,हरि मिश्रा,सुयश ठेठवार,सोनू,पियूष,सुधीर, किशन,अनिल चीकू आदि ने रायगढ़ जिले के कलेक्टर कार्तिकेय गोयल आईएएस को पत्र प्रेषित कर आग्रह किया कि रायगढ़ जिले में सिंचाई के लिए बनाया गया टीपाखोल जलाशय के इर्दगिर्द पहाड़ पर जिला खनिज विभाग द्वारा शासकीय भूमि पर क्वार्टजाइट उत्खनन के लिए में-यंगती इंटरप्राइजेज को 50 साल की लीज पर दिया गया है के दस्तावेजों का और स्थल का अवलोकन के साथ संपूर्ण जांच करवाकर लीज को त्वरित समाप्त करवाकर टीपाखोल जलाशय के अस्तित्व को बचाएं।

टीपाखोल जलाशय को व्यसायिक प्रतिष्ठानों ने अपनी जकड़न में ले लिया और भू-माफियाओ ने इसके नहर को लील लिया आज इसके अस्तित्व को तीव्र गति से खत्म करने के षड्यंत्र होने लगे हैं।

टीपाखोल जलाशय के आसपास पहाड़ों में कीमती खनिज संपदा भरी पड़ी है इस पर निगाहें लग गई जिसमे खनिज माफियाओं और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने इसका अस्तित्व को तबाह करने के लिए में-यंगटी एंटरप्राइजेज को क्वार्टजाइट उत्खनन के लिए खनिज विभाग के द्वारा पहले तो 30 साल की लीज उसके पश्चात जानकारियां अनुसार 50 वर्षों के लीज मतलब 2003 से 2053 तक प्रदान कर दिया गया जबकि इस खनिज संपदा की प्रक्रिया में तत्कालीन कलेक्टर आर.एस.विश्वकर्मा द्वारा स्वयं ही टीपाखोल जलाशय स्थित इस खनिज लीज के स्थल का अवलोकन किया और 13 जुलाई 2005 को लीज खत्म करने के लिए उक्त नोट शीट में अपना अभीमत लिखा कि “”उन्होंने स्वयं स्थल का निरीक्षण किया और यह बांध क्षेत्र के बगल में है और संरक्षित स्थान है यहां किसी प्रकार का उत्खनन करना ठीक नहीं है अपितु इस आवेदन को अमान्य करने के लिए लिखें और लीज भी समाप्त करें”” जब स्वयं तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा स्थल निरीक्षण कर लीज समाप्त करने के नोटशीट प्रेषित किया तो उसके पश्चात भी उक्त यंगति इंटरप्राइजेज लीज देने के लिए वृहद स्तर पर षड्यंत्र हुए चूंकि तत्कालीन कलेक्टर आर.एस विश्वकर्मा का स्थानांतरण होने के पश्चात षड्यंत्रकरियों ने टीपाखोल जलाशय के अस्तित्व को समाप्त करने के लिए अनेक गंभीर त्रुटि होने के पश्चात भी उक्त फर्म को उत्खनन करने के लिए 50 वर्षों के लिए सौंप दिया,टीपाखोल जलाशय जो की सिंचाई विभाग के अधीनस्थ है के कार्यपालन यंत्री और अन्य कर्मचारियों की निगाने यहां तक कमजोर रही की खनिज उत्खनन करने वाली इस कंपनी ने “”बंड”” एरिया तक खुदाई कर दिया और सिंचाई विभाग चुप रहा।

रायगढ़ बचाओ-लड़ेंगे रायगढ़ के साथियों ने इस पत्र की छाया प्रति कार्यपालन यंत्री,जल संसाधन विभाग रायगढ़ और रायगढ़ के खनिज विभाग के सहायक संचालक खनिज शाखा,कार्यालय कलेक्टर को भी प्रेषित की है और आग्रह किया है कि जल्द से जल्द टीपाखोल जलाशय को बचाए रखने के लिए यंगति इंटरप्राइजेज की लीज को रद्द करें और क्योंकि इस जलाशय से किसानों और रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के सतही भू:जल स्तर को बनाए रखने का कार्य होता रहा है जो फिर से संपादित हो सकेगा।

स्रोत – विनय शुक्ला रायगढ़