Smart Meter क्या स्मार्ट मीटर लगाने से हैं नुकसान?

सामना-प्रत्येक घर में स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी जोर शोर से चल रही है।इसी बीच लोगों के मन में भी अनेक प्रकार की दुविधाएं हैं.. जिनमें से बड़ा सवाल यह है कि क्या स्मार्ट मीटर लगाने से बिजली का बिल अधिक आएगा,क्या स्मार्ट मीटर लगाने से उपभोक्ताओं को नुकसान उठाना पड़ेगा..तो आज हम जानेंगे स्मार्ट मीटर लगाने के क्या हैं फायदे
प्रीपेड स्मार्ट मीटर की खासियत
प्रीपेड स्मार्ट मीटर में कई खासियतें हैं… जिनमें शून्य लागत पर स्मार्ट मीटर लगाना, रिचार्ज में 3 प्रतिशत का लाभ, पूर्व की भांति सरकार द्वारा घोषित सब्सिडी का लाभ, दैनिक खपत का आंकलन, बिजली बिल न मिलने की शिकायत नहीं, ऑफलाइन व ऑनलाइन रिचार्ज की सुविधा।
2000 रुपए से ज्यादा बैलेंस रखने पर इतना मिलेगा ब्याज
स्मार्ट मीटर लगाने से पूर्व विद्युत बकाया राशि को 300 दिनों में भुगतान करने की व्यवस्था की गई है. जिससे उपभोक्ताओं को बकाये राशि एक साथ जमा करने की वित्तीय भार से मुक्ति मिलेगी, उपभोक्ता यदि 2000 या इससे अधिक राशि अपने खाते में लगातार बरकरार रखते हैं तो उन्हें इन दोनों पर ब्याज देय होगा।
साल में 3 महीने तक यह राशि बरकरार रखने पर बैंक दर से ब्याज देय है।
3 महीने से 6 महीने तक रखने पर बैंक दर से प्लस 0. 25 प्रतिशत की दर से देय है।
6 माह से अधिक समय तक रखने पर बैंक दर से प्लस 0.5 प्रतिशत की दर से देय है।
नहीं देनी पड़ेगी सुरक्षा राशि
स्मार्ट मीटर के माध्यम से नया बिजली कनेक्शन स्थापित करने के समय कोई सुरक्षा राशि नहीं ली जाती है। स्मार्ट मीटर लगाने के बाद पहले से ली गई सुरक्षा राशि भी वापस कर दी जाती है। स्मार्ट मीटर लगाने के बाद यदि स्वीकृत लोड से अधिकतम मांग बढ़ जाती है तो उपभोक्ता को 6 माह तक अधिकतम मांग शुल्क से राहत दी जाती है।स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के परिसर में सोलर पैनल लगाने के बाद स्मार्ट मीटर को नेट मीटर से बदल दिया जाता है,जिससे उपभोक्ताओं को अलग से नेट मीटर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है।
मोबाइल पर मिलेगा बिल,नहीं लगाने पड़ेंगे कार्यालय के चक्कर
स्मार्ट मीटर से प्राप्त सटीक और विस्तृत डेटा समस्याओं के त्वरित समाधान में सहायक होता है।उपभोक्ताओं को मोबाइल ऐप के माध्यम से बिल प्राप्त होता है। वे कार्यालय जाए बिना भी अपने स्मार्ट मीटर को रिचार्ज कर सकते हैं। त्रुटि रहित बिलिंग के कारण उपभोक्ताओं को बिजली कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
