भगवान भोलेनाथ पर टिप्पणी से भड़का आदिवासी समाज,की कार्रवाई की मांग

सामना -हिंदुओं के आराध्य भगवान भोलेनाथ पर अभद्र टिप्पणी किए जाने और उनकी प्रतिमा के आगे चार गुना अधिक बड़ी मूर्ति स्थापित किए जाने के विरोध में आदिवासी समाज के लोगों ने संबंधितों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
मामला छत्तीसगढ़ के नगर पालिका परिषद सक्ती का है,जहां वार्ड नंबर 8 में स्थित शिव वाटिका गार्डन में भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा स्थापित है।
इसी गार्डन में भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा के सामने स्व. बिसाहू दास महंत की चार गुना अधिक बड़ी प्रतिमा स्थापित की गई है,जिस पर आदिवासी समाज के लोगों ने आपत्ति जताते हुए इसे भगवान शंकर (बूढादेव) का अपमान बताते हुए आदिवासी समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जाना कहा है।
समाज के लोगों का कहना है कि इससे समाज को ठेस पहुंची है। इसलिये उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी से ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि भगवान भोलेनाथ की प्रतिमातके सामने से जल्द से जल्द स्व. बिसाहू दास महंत की मूर्ति को वहां से हटाया जाए नहीं तो सर्व आदिवासी समाज बड़ा आन्दोलन करेगा।और भगवान शंकर जी का अपमान करने वालों को आदिवासी समाज बर्दाश्त नहीं करेगा।
भगवान भोलेनाथ पर दिए बयान से भड़का आदिवासी समाज
आदिवासी समाज के लोगों ने अपने आवेदन में यह भी कहा है कि जागेश्वर सिदार एवं नारायण सिदार ने भगवान भोलेनाथ पर बेतुका और भ्रामक बयान दिया है जिसमें नारायण सिद्धार ने यह कहा है कि शंकर भगवान बूढ़ादेव) के प्रतीक नहीं है वह सरासर गलत और भ्रामक है हम सर्व आदिवासी समाज बुढ़ादेव को भगवान शंकर का प्रतीक मानते है और उनकी पूजा अर्चना करते हैं। इनके द्वारा की गई टिप्पणी पर समस्त समाज को गहरी ठेस पहुंची है।
इसलिए हम सर्व समाज इस सम्बध में निवेदन करते है कि जागेश्वर सिदार व नारायण सिदार द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी पर तत्काल कार्रवाई की जाए।



