NTPC बनेगा देश का सबसे बड़ा पावर प्लांट,10 हज़ार लोगों को मिलेगा रोजगार


सामना – रायगढ़- आने वाले समय में देश का सबसे बड़ा पावर प्लांट बनेगा एनटीपीसी, जहां सबसे अधिक बिजली का उत्पादन किया जाएगा।

इस संबंध में एनटीपीसी लारा में पत्रकार वार्ता रखी गई थी जिसमें एनटीपीसी के ED अनिल कुमार,GM प्रोजेक्टर रवि शंकर,GM आशुतोष सतपति, GMHR जाकिर खान भी उपस्थित थे।
प्लांट के ईडी अनिल कुमार ने बताया की दूसरा चरण पूरा होने के बाद तीसरे चरण पर भी विचार हो रहा है। इसके बाद लारा प्लांट देश का सबसे बड़ा संयंत्र बन जाएगा।
देश में सर्वाधिक 90 प्रश क्षमता से चल रहे लारा प्लांट राज्य को आधी बिजली मिलती है। अनिल कुमार ने बताया कि वर्तमान में 800-800 मेगावाट के दो यूनिट संचालित हैं। दूसरे चरण में दो नई यूनिट स्थापित की जा रही हैं जिसका काम 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद तीसरे चरण में दो और इकाइयों का काम शुरू किया जा सकता है। इसके बाद एनटीपीसी लारा प्लांट की क्षमता 4800 मेगावाट हो जाएगी। अभी देश में सबसे ज्यादा मेगावाट का विंध्याचल पावर प्लांट है।
10 हज़ार लोगों को मिलेगा रोजगार
एनटीपीसी लारा देश का सबसे बड़ा पावर प्लांट हो जाएगा। इससे तकरीबन 10 हजार लोगों को काम मिलेगा। सुपर क्रिटिकल तकनीक होने के कारण प्रदूषण भी कम है। जो बिजली उत्पादित होती है, उसमें से आधी छग को मिलती है। एनटीपीसी ने जशपुर, रायगढ़ और सक्ती में कई कार्यों के लिए सहयोग किया है। उनका कहना है कि 2031 तक एनटीपीसी पूरे देश में एक लाख मेगावाट से ज्यादा बिजली उत्पादन करेगा। कोल, सोलर, गैस, हाइड्रो प्रोजेक्ट, विंड एनर्जी के बाद अब एनटीपीसी न्यूक्लियर सेक्टर में भी जाएगा। देश में हर घर को 24 घंटे बिजली देने का सपना है, जिसके लिए एनटीपीसी काम कर रहा है।
कोयले का रोड ट्रांसपोर्टेशन बंद
एनटीपीसी लारा पावर प्लांट को कोयले की आपूर्ति तलाईपाली कोल ब्लॉक से हो रही है। मई 2024 के बाद से कंपनी ने रोड से परिवहन बंद कर दिया है। एनटीपीसी के पास वर्तमान में एक ही रैक है। बाकी की पूर्ति रेलवे से हो रही है। कंपनी को चार रैक की जरूरत है। आने वाले समय में तीन और रैक कंपनी को स्थाई रूप से मिल जाएगी। इसके बाद कोयला परिवहन बहुत सहज हो जाएगा। मार्च 2025 के बाद कोयला परिवहन की कॉस्ट और भी कम हो जाएगी। अभी रेलवे को किराया भुगतान करना पड़ता है।
एकमात्र प्लांट जहां एफजीडी लगा
एनटीपीसी ने प्लांट चलाने के साथ प्रदूषण को कम करने पर भी काम किया है। रायगढ़ जिले में फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन सिस्टम लगाने वाला एकमात्र प्लांट एनटीपीसी ही है। 700 करोड़ की लागत से एफजीडी लगा है। रायगढ़ जिले में दूसरा कोई प्लांट ऐसा नहीं है जो एफजीडी लगा रहा हो। इसके अलावा कंपनी ने प्लांट के पीछे मियावाकी तकनीक से 12 हजार पौधे रोपे हैं। आगे चलकर यह जंगल में तब्दील हो जाएगा।
कम कोयले में ज्यादा बिजली बनाएगा एनटीपीसी
अनिल कुमार ने बताया कि देश में पहला अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्लांट कोरबा में लगने जा रहा है। इसकी घोषणा केंद्र सरकार ने बजट में रखी है। एनटीपीसी ने हमेशा से पर्यावरण और सुरक्षा को सर्वोपरि रखा है। सामान्यत: पावर प्लांट में एक यूनिट बिजली के लिए 750 ग्राम कोयला लगता है, लेकिन लारा प्लांट सुपर क्रिटिकल है, इसलिए यहां 610-650 ग्राम ही लगता है। अल्ट्रा क्रिटिकल प्लांट में और भी कम कोयला लगेगा।
तलाईपाली में ही जाएगा फ्लाईएश
एनटीपीसी की दो यूनिट ही चल रही है। चार और यूनिट आने के बाद फ्लाई एश जेनरेशन भी तीन गुना बढ़ जाएगा। इसके लिए दूसरी प्लानिंग की गई है। प्लांट से एश को तलाईपाली माइंस में ही डाला जाएगा। उस पर मिट्टी डालकर समतल किया जाएगा। इस तरह से कहीं और फ्लाई एश डिस्पोजल की जरूरत नहीं रहेगी।
केआईटी की सुध लेगा एनटीपीसी
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किरोड़ीमल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को लेकर चर्चा हुई। ईडी अनिल कुमार ने अपन टीम को निर्देश दिया है जिस संस्था को कंपनी ने दस करोड़ की सहायता दी है, उसे ऐसे ही नहीं छोड़ सकते। उसके बारे में कोई उपाय सोचा जाएगा। अगर कहीं कुछ किया जा सकेगा तो कंपनी करेगी।
कुछ बड़ा सोचा गया है, जल्दी पता चलेगा
पुसौर में आने वाले दिनों में कुछ बड़े प्रोजेक्ट आने वाले हैं। एक बड़ा अस्पताल और एक स्कूल की सुगबुगाहट है। अनिल कुमार से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में जल्द ही कोई घोषणा हो सकती है। बहुत तेजी से इस दिशा में काम हो रहा है। बहुत अच्छे प्रोजेक्ट आने वाले हैं
