सरगुजा में एक ही परिवार के 12 लोगों ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छामृत्यु
सामना-सरगुजा जिले के ग्राम बटईकेला के एक गरीब परिवार के 12 सदस्यों ने महामहिम राष्ट्रपति से मौत की इजाजत मांगी है।पीड़ित परिवार ने अपनी गुहार की प्रतियां प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेज दी हैं।
पीड़ित परिवार का का कहना है कि ग्राम बटाईकेला के खसरा नंबर 1784 (शासकीय भूमि) पर आंगनबाड़ी निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है, जबकि उक्त भूमि पर पिछले लगभग 70 वर्षों से केवला बाई, पिता चक्तु, एवं उनका परिवार खेती-किसानी कर अपने जीवनयापन का साधन चलाता आ रहा है। यह भूमि भले ही राजस्व रिकॉर्ड में शासकीय दर्ज हो, लेकिन इसे कृषि योग्य बनाने में उनके पूर्वजों की मेहनत लगी है और यह भूमि आज भी उनकी आजीविका का एकमात्र साधन है। ग्राम पंचायत द्वारा उक्त भूमि पर बिना किसी पूर्व सूचना, चर्चा या ग्रामसभा की अनुमति के जबरन आंगनबाड़ी निर्माण की नींव डाली गई है। यह कार्य ग्राम के सरपंच, सचिव, बीरेंद्र गुप्ता एवं निर्माण टेंडर धारक श्रिया गुप्ता की मिलीभगत से किया जा रहा है,श्रेया गुप्ता की पत्नी गीता देवी स्वयं ग्राम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, जो अपनी निजी सुविधा के लिए आंगनबाड़ी अपने निवास के समीप स्थापित करवाना चाहती हैं।
बीरेंद्र गुप्ता स्वयं खसरा नंबर 1784 पर शासकीय भूमि का अतिक्रमण कर पक्का मकान बनाकर रह रहे हैं, परंतु उनके विरुद्ध कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई है। इसके विपरीत, केवला बाई के परिवार को उसी भूमि सेबेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है, जो पूर्णतः अन्यायपूर्ण, पक्षपातपूर्ण और असंवैधानिक है। ऐसे में परिवार की कृषि भूमि छीने जाने से उनका जीवन संकट में पड़ जाएगा और उनके सामने भोजन एवं जीविका का संकटउत्पन्न हो जाएगा। इसलिए हम सभी परिवार के सदस्यों को इच्छा मृत्यु की इजाजत दे ताकि इस मानसिक रूप से प्रताडना से बच सकें।
केवला बाई के परिवार में कुल 12 सदस्य हैं, जिनमें से 4 सदस्य विकलांग हैं।


