June 19, 2025

बैलेट पेपर से वोटिंग का दौर वापस नहीं आयेगा -सुप्रीम कोर्ट

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वीवीपैट से 100 फीसदी पर्ची मिलान भी नहीं होगा

Samna:-शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ताओं को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि देश में बैलेट पेपर से वोटिंग का दौर वापस नहीं आएगा।यानी मतदान तो ईवीएम से ही होगा।

इसके साथ ही वीवीपैट से 100 फीसदी पर्ची मिलान भी नहीं होगा, हालांकि, ईवीएम 45 दिनों तक सुरक्षित रहेगी और अगर नतीजों के बाद 7 दिनों के भीतर शिकायत की जाती है तो जांच कराई जाएगी।

SC ने इस मामले से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं. जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने सहमति से फैसला दिया है. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, हमने सभी याचिकाओं को खारिज किया है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि चुनाव के बाद सिंबल लोडिंग यूनिटों को भी सील कर सुरक्षित किया जाए. कोर्ट ने निर्देश दिया कि उम्मीदवारों के पास परिणामों की घोषणा के बाद टेक्निकल की एक टीम द्वारा EVM के माइक्रो कंट्रोलर प्रोग्राम की जांच कराने का विकल्प होगा, जिसे चुनाव की घोषणा के 7 दिनों के भीतर किया जा सकेगा.

45 दिन तक स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित रखा जाएगा:- वोटिंग पर्चियों की गिनती पर कोर्ट ने कहा, सिंबल लोडिंग यूनिट्स के पूरा होने पर कंटेनर में सील कर दिया जाएगा. इस पर उम्मीदवारों के हस्ताक्षर होंगे और नतीजे घोषित होने के बाद 45 दिन के लिए स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाएगा. यानी नतीजे घोषित होने के 45 दिन तक ईवीएम का डेटा और रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाएगा।

VVPAT पर सुप्रीम कोर्ट के दो महत्वपूर्ण निर्देश…पहला निर्देश यह है कि सिंबल लोडिंग प्रोसेस पूरी होने के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट (SLU) को सील किया जाना चाहिए और इसे 45 दिन तक सुरक्षित रखा जाना चाहिए।नतीजे में दूसरे और तीसरे नंबर पर आए उम्मीदवार चाहें तो परिणाम आने के सात दिन के भीतर दोबारा जांच की मांग कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में इंजीनियरों की एक टीम द्वारा माइक्रो कंट्रोलर की मेमोरी की जांच की जाएगी।

    वेरिफिकेशन के लिए देना होगा खर्चा:- जस्टिस खन्ना ने कहा कि वीवीपैट वेरिफिकेशन का खर्चा उम्मीदवारों को खुद ही उठाना पड़ेगा. यदि ईवीएम में गड़बड़ी पाई जाती है तो खर्च वापस कर दिया जाएगा।जस्टिस दत्ता का कहना था कि किसी सिस्टम पर आंख मूंदकर संदेह करना ठीक नहीं है. लोकतंत्र, सभी स्तंभों के बीच सद्भाव और विश्वास बनाए रखने के बारे में है. विश्वास और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देकर हम अपने लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं।