Chhattisgarhsamna

छत्तीसगढ़ की 7 सीटें,क्या है राजनीतिक समीकरण

छः सीटों पर भाजपा,1 में कांग्रेस

सामना:- लोकसभा चुनाव 2024:- 7 मई को छत्तीसगढ़ की 7 लोकसभा सीटों पर में तीसरे चरण का मतदान होगा। यह सीटें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और सरगुजा हैं।पिछली बार के चुनावी आंकड़ों में इन सात सीटों पर केवल कोरबा में कांग्रेस जीती थी, अन्य छह सीट पर भाजपा प्रत्याशियों को विजय मिली थी।

रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र:पिछली बार जीते: गोमती साय (भाजपा) निकटतम प्रतिद्वंदी: लालजीत सिंह राठिया (कांग्रेस)

इस सीट पर भाजपा ने राधेश्याम राठिया और कांग्रेस ने डा. मेनका देवी सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। ये दोनों ही प्रत्याशी पहली बार चुनावी मैदान में हैं। यहां कांग्रेस-भाजपा दोनों ही आदिवासियों को आकर्षित करने के लिए यहां आदिवासियों के मुद्दे उठा रहे हैं। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रायगढ़ लोकसभा कुल आबादी में आदिवासियों का हिस्सा 44 फीसदी है जबकि अनुसूचित जाति की आबादी 11.70 फीसदी है।

रायपुर लोकसभा क्षेत्र पिछली बार जीते:- सुनील सोनी(भाजपा) निकटतम प्रतिद्वंदी: प्रमोद दुबे (कांग्रेस):- रायपुर लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर आठ बार के विधायक व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के प्रत्याशी विकास उपध्याय युवा चेहरा हैं, लेकिन अनुभव के मामले में बृजमोहन उन पर भारी पड़ रहे हैं। इस सीट में वैसे तो सभी जाति के लोग निवासरत हैं पर बड़ी आबादी साहू समाज की है। साहू, कुर्मी, यादव, सतनामी समाज, सिख, मुस्लिम समेत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के मतदाता भी इस सीट पर प्रभावी हैं।

कोरबा लोकसभा क्षेत्र पिछली बार जीते: ज्योत्सना महंत (कांग्रेस) निकटतम प्रतिद्वंदी : ज्योति नंद दुबे (भाजपा:- कोरबा लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट बन चुकी है। यहां कांग्रेस को प्रदर्शन दोहराने और भाजपा पर अपनी साख बचाने का दबाव है। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की ओर से ज्योत्सना महंत चुनाव जीतकर सांसद बनी थीं। वर्तमान में वह दोबारा इस सीट पर कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ रही हैं जबकि भाजपा की ओर से तेजतर्रार नेत्री सरोज पांडेय चुनावी मैदान में हैं। सरोज, भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। यहां सबसे ज्यादा अनुसूचित जनजाति वर्ग के 44.5 प्रतिशत मतदाता हैं। इसके बाद अनुसूचित जाति के 9.2 फीसदी, मुस्लिम मतदाता 3.5 प्रतिशत और बाकी बचे हुए वोटर्स सामान्य वर्ग और ओबीसी कैटेगरी से हैं।

जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र:- पिछली बार जीते: गुहाराम अजगले (भाजपा) निकटतम प्रतिद्वंदी: रवि परसराम भारद्वाज (कांग्रेस):- इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी कमलेश जांगड़े पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। उनके सामने कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री डा. शिव डहरिया चुनावी मैदान में हैं। यहां कांग्रेस ने रायपुर के नेता को दूसरे क्षेत्र में उतारा है। यहां अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं की संख्या 25 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति (एससटी) के मतदाताओं की संख्या 11.6 प्रतिशत हैं। ओबीसी मतदाता 42, सामान्य सात, मुस्लिम एक, ईसाई 0.18 तथा जैन 0.06 प्रतिशत हैं। इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाता हर चुनाव में निर्णायक भूमिका में रहते हैं। इसका कारण यह है कि ये मतदाता एकतरफा वोट करते हैं।

सरगुजा लोकसभा क्षेत्र :पिछली बार जीते: रेणुका सिंह (भाजपा) निकटतम प्रतिद्वंदी : खेलसाय सिंह (कांग्रेस):- उत्तरी छत्तीसगढ़ में सरगुजा लोकसभा सीट का सियासी समीकरण इस बार चिंतामणि महराज ने दिलचस्प कर दिया है। चार महीने पहले ही कांग्रेस से भाजपा में आए सामरी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक चिंतामणि महराज ने टिकट कटने के बाद बगावत कर दी थी, जिसके बाद वे भाजपा में शामिल हुए और सरगुजा से लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए। कांग्रेस ने युवा नेत्री, युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव शशि सिंह को सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। शशि सिंह को राजनीति विरासत में मिली है। कंवर और गोंड जनजाति के मतदाता यहां हर बार बड़ी भूमिका निभाते हैं।

बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र:पिछली बार जीते: अरुण साव (भाजपा) निकटतम प्रतिद्वंदी: अटल श्रीवास्तव (कांग्रेस):- बिलासपुर में भाजपा प्रत्याशी तोखनराम साहू के सामने कांग्रेस ने भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा ने इससे पहले वर्ष-2019 में साहू समाज के अरुण साव और वर्ष-2014 में लखनलाल साहू पर दांव खेला था। दोनों ही बार उनके प्रत्याशी जीते थे। यहां साहू और आदिवासी वोटरों का समीकरण साधते हुए पार्टियों ने दांव खेला है। इसमें करीब तीन लाख आदिवासी, ढाई लाख साहू और दो लाख यादव मतदाता हैं। कुर्मी समाज के मतदाताओं की संख्या भी करीब डेढ़ लाख है। मरार पटेल, ब्राह्मण, सूर्यवंशी, सतनामी और अन्य जातियों के मतदाता भी हैं।

दुर्ग लोकसभा क्षेत्र पिछली बार जीते: विजय बघेल (भाजपा) निकटतम प्रतिद्वंदी: प्रतिमा चंद्राकर(कांग्रेस):- दुर्ग की यह सीट बेहद हाई प्रोफाइल है। यहां भाजपा ने मौजूदा सांसद विजय बघेल को दोबारा चुनावी मैदान में उतारा है। उनके सामने प्रदेश कांग्रेस के महासचिव राजेंद्र साहू मैदान में हैं। कांग्रेस ने यहां जातिगत दांव खेला है। दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में जातिगत समीकरणों को देखा जाए तो सबसे बड़ी आबादी साहू समाज की है। 35 प्रतिशत वोटर इसी समाज से हैं। विजय बघेल कुर्मी समाज से आते हैं। यहां कुर्मी वोटर लगभग 22 प्रतिशत हैं। ऐसे में 15 प्रतिशत यादव और सतनामी समाज मिलकर कई बार लोगों के अनुमानों को गलत साबित कर देते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही उम्मीदवार कुर्मी समाज से थे।

202-कंपनियां सु्रक्षा में मौजूद

1,39,01,285-कुल मतदाता

7 सीट-रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़

168-प्रत्याशी चुनावी मैदान पर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button