बिलासपुर में चार फीसदी कम मतदान,शहरी क्षेत्र रहे सुस्त

सामना – बिलासपुर 7 मई को छत्तीसगढ़ के तीसरे और अंतिम चरण का मतदान संपन्न हो चुका है।तीसरे चरण में कुल 7 लोकसभा सीटों में से सबसे कम वोटिंग बिलासपुर लोकसभा में हुई।यहां शहरी मतदाताओं की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार भी उत्साह देखने को मिला। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 64.14 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। मौजूदा चुनाव में रात आठ बजे तक 60.05 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।
शुरुआत में युवा मतदाता, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं सहित विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासी मतदाताओं उत्साह देखा गया। जब एक मतदाता वोट देने पहुंचे तो इस भाग की ईवीएम पिछले डेढ़ घंटे से खराब थी। इसके कारण कमरे के बाहर लाइन लगी हुई थी। उन्होंने इसकी शिकायत करने प्रोसेडिंग अधिकारी को इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद किसी तरह मशीन की व्यवस्था की गई। इसके बाद वोटिंग का सिलसिला आरंभ हुआ। मतदाताओं ने अतिरिक्त समय की मांग की, लेकिन अधिकारी ने इससे इन्कार कर दिया। दूसरी ओर पंखे भी नहीं चल रहे थे। इससे लोग गर्मी से परेशान थे। मतदाता ने इस मामले की शिकायत पोलिंग एजेंट, कलेक्टर के साथ ही भारत निर्वाचन आयोग को लिखित में की।
भारत निर्वाचन आयोग के वोटर टर्नआउट वेबसाइट पर रात आठ बजे तक अपलोड विधानसभावार मतदान के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा मुंगेली विधानसभा सीट और सबसे कम बिलासपुर विधानसभा सीट में मतदान हुआ है।
बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आठ विधानसभा सीटें हैं। इसमें मुंगेली जिले में लोरमी और मुंगेली विधानसभा सीट है। दोनों ही क्षेत्र के मतदाताओं ने इस बार भी जमकर मतदान किया है। मुंगेली, लोरमी, बिल्हा और तखतपुर में मतदान का आंकड़ा चमकदार कहा जा सकता है। तीनों ही विधानसभा में मतदान के आंकड़े में एक फीसद का अंतर रहा है।शहरी और ग्रामीण परिवेश वाले बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में मतदान का आंकड़ा उस अंदाज में नहीं आया जैसा राजनीतिक दलों के रणनीतिकार सोच रहे थे।
इस बार 4.09 प्रतिशत घटा मतदान:- मतदान के लिए आदर्श मौसम होने के बाद भी वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार चार फीसद मतदाता वोट डालने मतदान केंद्र नहीं पहुंचे। बीते वर्ष की तुलना में मतदाताओं की बेरुखी भी सामने आई। इसे लेकर दोनों ही दलों के रणनीतिकार और प्रबंधक निश्चित रूप से चर्चा करेंगे।
बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में कम हुआ रुझान:- शाम चार बजे मौसम में तब्दीली हुई। तेज अंधड़ के साथ वर्षा भी हुई। आंधी वर्षा के कारण बिजली आपूर्ति व्यवस्था ठप पड़ गई। इसका प्रभावी असर पड़ा। गांव में सन्नाटा पसर गया। ग्रामीण मतदान केंद्र जाने के बजाय घरों में ही रहे। शाम पांच बजे के बाद मतदान की गति ग्रामीण क्षेत्रों में कम हो गई थी।
