छत्तीसगढ़ के मशहूर रंगकर्मी मिर्ज़ा मसूद का निधन, सीएम विष्णु देव साय ने जताया शोक

चक्रधर सम्मान,चिन्हारी सम्मान और कई अवसरों पर हुए सम्मानित
सामना – छत्तीसगढ़ के मशहूर रंग निर्देशक और आकाशवाणी में वरिष्ठ उद्घोषक रहे मिर्ज़ा मसूद का गुरुवार की रात तकरीबन 3 बजे निधन हो गया।वे 80 वर्ष के थे। उनके निधन की खबर से कला जगत और पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मशहूर रंग निर्देशक और आकाशवाणी के वरिष्ठ उदघोषक मिर्ज़ा मसूद के निधन पर शोक व्यक्त किया,उन्होंने कहा कि मिर्ज़ा मसूद जी ने अपना पूरा जीवन रंगमंच को समर्पित कर दिया। उनका निधन कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने शोक संदेश में कहा, “मिर्ज़ा मसूद जी की करिश्माई आवाज़ और अंदाज उन्हें अद्वितीय बनाते थे। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में हिंदी ब्रॉडकास्ट कमेंटेटर के रूप में भी अपनी विशेष पहचान बनाई। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2019 में उन्हें चक्रधर सम्मान से नवाज़ा गया था।” मिर्ज़ा मसूद जी के कला और संस्कृति के क्षेत्र में योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा ।
मिर्जा मसूद को छत्तीसगढ़ राज्य शासन का चक्रधर सम्मान और चिन्हारी सम्मान सहित विद्यालय में भी विशेष सम्मान मिला था।इनके अलावा भी उन्हें अन्य अवसरों पर विविध सम्मान प्राप्त हो चुके हैं,लेकिन वे स्वयं नाटकों के मंचन के समय दर्शकों की प्रतिक्रिया को ही अपना सबसे बड़ा पुरस्कार और प्रतिसाद मानते थे।
वे 80 साल की उम्र के बाद भी थिएटर में सक्रिय रहे और कई नाटकों को लिखा और उनका निर्देशन किया।पत्रकारिता के छात्रों को पढ़ाते समय वे अक्सर कहा करते थे- “सभी छात्रों को शहीद भगत सिंह की जीवनी जरुर पढनी चाहिए। यदि आप ये जीवनी नहीं पढ़ते हैं, तो आप सही अर्थों में जवान कहलाने के हकदार नहीं हैं”।
पत्रकारिता के विषय में उनका कहना था कि पत्रकारिता अब गाँव में ही बेहतर हो सकती है। नई खबरें और कहानियां तो गाँव से ही निकलेंगी। अपने सिद्धांतों और उसूलों के लिए वे इतने आग्रही रहते हैं कि इसमें रत्ती भर भी समझौता उन्हें पसंद नहीं था।
