June 19, 2025

डॉ.किरणमयी नायक ने की 25 प्रकरणों पर सुनवाई,पति पत्नी में हुई सुलह,दहेज प्रताड़ना,जहर खिलाने का मामला सामने आया

IMG-20241127-WA1042.jpg
Share

मेडिकल कॉलेज का 15 दिनों में परिवाद समिति का गठन करने तथा जांच करने का आयोग ने दिया आदेश

सामना – रायगढ़- छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक और सदस्य  सरला कोसरिया,  प्रियंवदा सिंह जूदेव, लक्ष्मी वर्मा ने आज कलेक्टोरेट रायगढ़ के सृजन सभाकक्ष में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रस्तुत 25 प्रकरणों पर जन सुनवाई की।

छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 289 वीं एवं रायगढ़ जिले में 8 वीं सुनवाई हुई।

मेडिकल कॉलेज का मामला

आज के सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष को विस्तार से सुना गया। आवेदिका की शिकायत पर आंतरिक परिवाद समिति का नियमानुसार गठन और कार्यवाही होना प्रतीत नहीं हुआ व पूर्ण प्रक्रिया का पालन भी नहीं हुआ।कॉलेज के प्रवेश द्वार के सामने आंतरिक परिवाद समिति का पोस्टर भी डिस्प्ले होना और विधिवत कार्यवाही नहीं हुई है। इसके लिए सखी के प्रोटेक्सन ऑफिसर को आयोग की ओर से अधिकृत किया गया और  कॉलेज में आंतरिक परिवाद समिति का गठन कराने के लिए निर्देशित किया गया। समिति दो माह में आयोग को रिपोर्ट प्रेषित करेगी ताकि उसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस संबंध में प्रभारी सदस्य के संपर्क में रहेंगे। रिपोर्ट मिलने के पश्चात अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

डीन के साथ कॉलेज की 19 छात्राएं पहुंची

अन्य प्रकरण में 19 छात्रायें प्रस्तुत हुई, जिसमें अनावेदक पक्ष के साथ में कॉलेज के डीन उपस्थित हुए। मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी छात्रों से अलग कमरे में बयान लिये गए। बंद कमरे में एक-एक छात्रा से अलग-अलग बयान लिया गया। जिसमें किसी भी छात्रा ने अनावेदक के विरोध में कोई शिकायत नहीं बताई

इस प्रकरण की जांच में यह सामने आया की विधिवत तरीके से मेडिकल कॉलेज में आंतरिक परिवाद का गठन और कॉलेज के मेन गेट के पास आंतरिक परिवाद समिति का बोर्ड नहीं लगा है।

इस पर अनावेदक के साथ उपस्थित मेडिकल कॉलेज के डीन को विधिवत जानकारी दिया गया और 15 दिवस के अंदर आंतरिक परिवाद समिति का गठन करने के लिए आयोग ने आदेशित किया गया।

पति पत्नी में हुई सुलह

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया की वर्तमान में दोनों पक्षों के मध्य सुलह हो गयी है और आवेदिका प्रकरण वापस लेना चाहती है। 2 माह से साथ रह रहे है, प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

फीस जमा ना करने पर परीक्षा में बैठने ना देने का मामला

इसी तरह अनावेदक अनुपस्थित आवेदिका डी.एल.एड. की पढ़ाई कर रही थी। अनावेदक क्रमांक 1 सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत है। अनावेदक के द्वारा आवेदिका को फीस जमा नहीं किये जाने कहकर परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया चूंकि आज अनावेदक अनुपस्थित है। लिहाजा थाना चक्रधर नगर के माध्यम से आगामी सुनवाई के लिए 16 जनवरी 2025 को रायपुर बुलाया गया।

ससुराल पक्ष द्वारा दहेज प्रताड़ना जहर खिलाने का मामला

अन्य प्रकरण आवेदिका ने बताया की ससुराल पक्ष (पति, ससुर, सास) द्वारा जहर खिलाया था। आवेदिका मेडिकल कॉलेज में भर्ती थी। चार-पांच दिन बाद आवेदिका के पिता द्वारा थाना जूटमिल में शिकायत की गई लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की बल्कि पुलिस द्वारा काउंसलिंग करके न्यायालय जाने का सलाह दिया। दोनों पक्ष को सुनने पश्चात मामला दहेज प्रताडऩा एवं जहर देकर मारने का लगा । पुलिस अधीक्षक को डीपीओ के माध्यम से ऑर्डरसीट व शिकायत आवेदन आज ही भेजे जाने 1 माह के अदर आयोग को रिपोर्ट भेजने किये जाने कहा गया।

5साल का बच्चा बना जज, सुनाया फैसला मम्मी पापा दोनों के साथ रहना है

पति पत्नी का  का साढ़े पाँच वर्ष का पुत्र है। बच्चे ने कहा कि वह मम्मी पापा दोनों के साथ रहना चाहता है। दोनों पक्षों की कानूनी प्रक्रिया चल रही है। जिसे लेकर ईकरारनामा बनाया जाना आवश्यक है। 3 दिसम्बर को दोनों पक्ष को अपने अपने ईकरारनामा लेकर रायपुर बुलाया गया और निरंतर सखी की प्रशासिका एवं प्रोट्रेक्शन ऑफिसर की निगरानी में रहेंगे।

अनावेदक सहायक ग्रेड-02 पर तहसील में पदस्थ है एवं पहली पत्नी से तलाक लिये बिना दूसरा विवाह किया गया है। इसमें आवेदिका ने न्यायालय में अपराधिक परिवाद दायर कर सकती है। आवेदिका को आवेदन एवं नोटशीट की कॉपी नि:शुल्क देते हुये प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।