Bilaspur Train Accident- रेड सिग्नल तोड़ने पर हुआ हादसा!CRF करेगी जांच
11 जिंदगियां खत्म,बच्चा बचा लेकिन माता पिता की मौत
सामना – छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के पास गतौरा स्टेशन के लाल खदान के पास हुए रेल हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत और 20 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है। शुरुआती आंकलन के अनुसार,मेमू ट्रेन खतरनाक स्थिति में सिग्नल पार कर गई, जिससे यह हादसा हुआ।”
लोको पायलट की मौत
इस हादसे में मृतक 11 लोगों में मेमू के लोको पायलट भी शामिल हैं,वहीं मालगाड़ी के गार्ड ने कूदकर अपनी जान बचाई, लेकिन मेमू के लोको पायलट विद्या सागर की मौत हो गई जबकि सहायक लोको पायलट भी गंभीर रूप से घायल है।
मेमू पैसेंजर टकराई मालगाड़ी से
दरअसल गेवरा से बिलासपुर आ रही मेमू यात्री ट्रेन तेज रफ्तार में थी,उसी ट्रैक पर आगे एक मालगाड़ी खड़ी थी, जिसे ट्रेन चालक देख नहीं सका और ट्रेन पीछे से मालगाड़ी में जा घुसी।टक्कर इतनी भीषण थी कि यात्री ट्रेन का एक कोच मालगाड़ी के एक वैगन के ऊपर चढ़ गया. हादसे के बाद कोच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और कई यात्री अंदर फंस गए।
रेड सिग्नल तोड़ने पर हुआ हादसा?
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ”यात्री गाड़ी रेड सिग्नल तोड़ते हुए आगे बढ़ गई और इसने 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी।अधिकारी ने बताया, ” इस बात की जांच की जा रही है कि लोको पायलट ने रेड सिग्नल क्यों तोड़ा और समय पर इमरजेंसी ब्रेक क्यों नहीं लगाया, जबकि मालगाड़ी दिखाई देने वाली दूरी पर थी।” हादसे में मारे गए लोगों में रेलगाड़ी का लोको पायलट विद्या सागर भी शामिल है, वहीं सहायक लोको पायलट रश्मि राज गंभीर रूप से घायल हो गई हैं। अधिकारी ने बताया कि मालगाड़ी का गार्ड आखिरी समय में कूद गया, उसे मामूली चोटें आईं है। दोनों घायल रेलवे कर्मचारियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रेल हादसे की उच्चस्तरीय जांच होगी
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुए रेल हादसे की उच्चस्तरीय जांच होगी।कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी इस हादसे की जांच करेंगे 6 नवंबर से इस हादसे की जांच शुरू होगी।हादसे के वक्त काम पर तैनात तमाम लोगों से पूछताछ होगी। सभी जिम्मेदार कर्मचारी, अधिकारियों के बयान होंगे।जांच में हादसे की वजह तलाशने की भी कोशिश होगी। जांच के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल किए गए हैं. इस जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके बाद जिम्मेदारी तय होगी कि आखिर किसकी लापरवाही की वजह से ये हादसा हुआ है।
बच्चा बचा, लेकिन माता पिता की मौत
इस हादसे में एक बच्चे को बोगी से सुरक्षित निकाला गया है,जिसकी हालत गंभीर है,और रेलवे अस्पताल बच्चे का इलाज चल रहा है। बच्चे का नाम तोरवा निवासी ऋषि यादव बताया जा रहा है। वहीं इस घटना में बच्चे ऋषि के माता-पिता अर्जुन यादव और शीला यादव की मौत हो गई है।
रेलवे ट्रैक की मरम्मत जारी
हादसे के बाद ट्रेन के डिब्बे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। हादसे के बाद, डिब्बे के कई हिस्से रेलवे ट्रैक पर बिखर गए, लेकिन बचाव दल के पहुँचने के बाद, ट्रैक को साफ़ करने का काम तेज़ी से जारी है। इससे कई ट्रेनें भी प्रभावित हुईं हैं
राज्य सरकार और रेलवे की तरफ से मुआवजा
रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख और घायलों को 5 लाख मुआवजे का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने दुर्घटना में दिवंगत हुए यात्रियों के परिजनों को 5 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार की आर्थिक सहायता राशि देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि घायलों के समुचित एवं निःशुल्क इलाज की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।


