रेल हादसे में मृतकों और घायलों की जानकारी आई सामने
चश्मदीदों ने सुनाई आपबीती
Samna- छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुए रेल हादसे में मृतकों और घायलों के नामों की जानकारी सामने आई है।
रेल हादसे में मृतकों के नाम
इस हादसे ने जिन जिंदगियों को खत्म कर दिया उनमें से 9 मृतकों की पहचान की जा चुकी है वहीं दो मृतक फिलहाल अज्ञात है
1- अर्जुन यादव उम्र 35 वर्ष
पिता लक्ष्मण यादव,
देवरीखुर्द, बिलासपुर…
2- मानमती,(मृतक अर्जुन यादव की सास)
3- लवकुश शुक्ला, उम्र 40 वर्ष, पिता रमाकांत शुक्ला, निवासी शक्ति
4- श्रीमती शिला यादव,पत्नी
मृतक अर्जुन यादव
5 प्रिया चंद्रा
6 अंकित अग्रवाल
7 प्रमिला वस्त्रकार
8 विद्या सागर (लोको पायलट)
9 रंजीत प्रभाकर ग्राम कोसा थाना मुलमुला जांजगीर
10-अज्ञात
11 अज्ञात महिला
रेल हादसे में घायल हुए लोगों के नाम
मथुरा भास्कर, स्त्री, आयु 55 वर्ष
चौरा भास्कर, पुरुष, आयु 50 वर्ष
शत्रुघ्न, पुरुष, आयु 50 वर्ष
गीता देबनाथ, स्त्री, आयु 30 वर्ष
मेहनिश खान, स्त्री, आयु 19 वर्ष
संजू विश्वकर्मा, पुरुष, आयु 35 वर्ष
सोनी यादव, स्त्री, आयु 25 वर्ष
संतोष हंसराज, पुरुष, आयु 60 वर्ष
ऋषि यादव, आयु 2 वर्ष
तुलाराम अग्रवाल, पुरुष, आयु 60 वर्ष
अराधना निषाद, स्त्री, आयु 16 वर्ष
मोहन शर्मा, पुरुष, आयु 29 वर्ष
अंजूला सिंह, स्त्री, आयु 49 वर्ष
शांता देवी गौतम, स्त्री, आयु 64 वर्ष
प्रीतम कुमार, पुरुष, आयु 18 वर्ष
शैलेश चंद्र, पुरुष, आयु 49 वर्ष
अशोक कुमार दीक्षित, पुरुष, आयु 54 वर्ष
नीरज देवांगन, पुरुष, आयु 53 वर्ष
राजेंद्र मारुति बिसारे, पुरुष, आयु 60 वर्ष।
चश्मदीदों ने बताई आपबीती
अपने ससुराल अकलतरा से लौट रहे बिल्हा (बिलासपुर) के निवासी संजीव विश्वकर्मा ने बताया, ”मैं पहली बोगी में बैठा था, जहां करीब 16-17 यात्री थे-पुरुष, महिलाएं और बच्चे. अचानक, गतोरा से लगभग 500 मीटर आगे ट्रेन जोर से हिली और किसी चीज से टकरा गई. फिर कुछ देर के लिए मेरे सामने अंधेरा छा गया.’
उन्होंने आगे बताया, ”जब मैंने आंखें खोलीं, तो मैंने खुद को सीट के नीचे फंसा पाया. लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे. मेरी बोगी मालगाड़ी के डिब्बों पर चढ़ गई थी. मेरे सामने लाशें थीं. एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो चुकी थी. कई शव क्षत-विक्षत हालत में थे.”
मार्केटिंग व्यवसाय से जुड़े रायपुर निवासी मोहन शर्मा ने बताया कि उन्होंने चांपा स्टेशन से ट्रेन पकड़ी थी. उन्होंने कहा, ”मैं रायपुर जाने के लिए लिंक एक्सप्रेस से सफर करने वाला था, लेकिन ट्रेन लेट थी, इसलिए मैंने यह लोकल ट्रेन पकड़ ली. बाद में सोचा कि जल्दी बिलासपुर पहुंचकर दूसरी ट्रेन से रायपुर चला जाऊंगा.”उन्होंने कहा
मैं मोबाइल देख रहा था, तभी जोर का झटका लगा और मैं फर्श पर गिर गया. बाहर देखा तो पहली बोगी मालगाड़ी पर चढ़़ी हुई थी. मेरा पैर फंस गया था, रेलवे कर्मचारियों ने बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला.” शर्मा ने कहा, ”अगर ट्रेन की रफ्तार जरा भी कम होती, तो शायद इतने लोग मारे नहीं जाते.”
बिलासपुर के डीपी विप्र कॉलेज में बीएससी (गणित) की छात्रा मेहबिश परवीन (19) ने बताया, ”मैं भी पहली बोगी में था. घर पहुंचने ही वाली थी कि हादसा हो गया. मेरा पैर टूट गया. उन चीखों को नहीं भूल सकती- हर कोई मदद के लिए चिल्ला रहा था.”


