“कायाकल्प-आयुष” के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ बना देश का पहला राज्य…स्वच्छता और संक्रमण की रोकथाम के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले 25 आयुष संस्था पुरस्कृत..रायगढ़ ज़िले के तीन आयुर्वेद औषधालय भी पुरस्कृत….

जिला आयुर्वेद चिकित्सालय श्रेणी में जगदलपुर, आयुष विंग श्रेणी में जगदलपुर जिला चिकित्सालय और आयुष स्पेशलाइज्ड थेरेपी सेंटर में सूरजपुर को प्रथम पुरस्कार
इन तीनों संस्थाओं को क्रमशः दो लाख, डेढ़ लाख और सवा लाख रूपए की पुरस्कार राशि दी गई
सामना:- रायपुर:- उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने स्वच्छता को बढ़ावा देने, संक्रमण की रोकथाम और अपशिष्ट प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्य के 25 आयुष संस्थाओं को पुरस्कार प्रदान किया। स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण तथा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का चार चरणों में मूल्यांकन के बाद उत्कृष्ट पाए गए 25 आयुष संस्थाओं का इन पुरस्कारों के लिए चयन किया गया था। राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत केन्द्रीय आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशानुसार आयुष संस्थाओं में स्वच्छता को बढ़ावा देने, संक्रमण की रोकथाम तथा अपशिष्ट प्रबंधन के साथ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रदेश में कायाकल्प-आयुष का क्रियान्वयन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य है।
कायाकल्प-आयुष की शुरूआत के बाद पूरे देश में आज पहली बार छत्तीसगढ़ में आयुष संस्थाओं के मूल्यांकन के बाद चयनित संस्थाओं को पुरस्कृत किया गया। उप मुख्यमंत्री सिंहदेव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद में हजारों साल से जानकारी है। इसके इस्तेमाल से लोगों को सदियों से उपचार और राहत मिल रही है। पूरी दुनिया में अभी परंपरागत औषधियों को लेकर बात हो रही है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद आयुष डॉक्टरों से कहा कि आप लोगों के पास इस ज्ञान की धरोहर है जिसके माध्यम से आप लोग मरीजों का इलाज कर रहे हैं। आप लोग इस ज्ञान और इन पद्धतियों को आत्मविश्वास के साथ लोगों तक पहुंचाएं।
इन अस्पतालों को मिला पुरस्कार:- कायाकल्प-आयुष के अंतर्गत जिला आयुर्वेद चिकित्सालय श्रेणी में जिला आयुर्वेद चिकित्सालय जगदलपुर को प्रथम पुरस्कार मिला। जिला एलोपैथी चिकित्सालय जगदलपुर में सहस्थापित आयुष विंग तथा आयुष स्पेशलाइज्ड थेरेपी सेंटर सूरजपुर को अपनी-अपनी श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। इन तीनों संस्थाओं को क्रमशः दो लाख रूपए, डेढ़ लाख रूपए और सवा लाख रूपए की पुरस्कार राशि दी गई। राजनांदगांव जिले के आयुष स्पेशलाइज्ड थेरेपी सेंटर डोंगरगढ़ को 50 हजार रूपए का द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
आयुष औषधालय श्रेणी में हर संभाग के तीन-तीन संस्थाओं को पुरस्कृत किया गया। इन्हें प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार के रूप में क्रमशः 75 हजार रूपए, 50 हजार रूपए और 25 हजार रूपए की पुरस्कार राशि दी गई। रायपुर संभाग में गरियाबंद जिले के आयुर्वेद औषधालय अकलवारा को प्रथम, धमतरी के आयुर्वेद औषधालय परसापानी को द्वितीय और रायपुर के आयुर्वेद औषधालय टेकारी (जुलुम) को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। बिलासपुर संभाग में रायगढ़ जिले के बर्रा, भेडवन और समकेरा आयुर्वेद औषधालय को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिया गया। सरगुजा संभाग के अंतर्गत बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के होम्योपैथी औषधालय वाड्रफनगर को प्रथम और इसी जिले के होम्योपैथी औषधालय पेंड्री को द्वितीय तथा जशपुर जिले के आयुर्वेद औषधालय बंदरचुआ को तृतीय पुरस्कार मिला। बस्तर संभाग में कोंडागांव जिले के आयुर्वेद औषधालय बोरगांव को प्रथम, कांकेर जिले के आयुर्वेद औषधालय तरहुल को द्वितीय और इसी जिले के आयुर्वेद औषधालय दबेना को तृतीय पुरस्कार दिया गया। दुर्ग संभाग के तहत राजनांदगांव जिले के आयुर्वेद औषधालय पदुमतरा को प्रथम, राजनांदगांव के ही आयुर्वेद औषधालय विचारपुर को द्वितीय तथा कबीरधाम के आयुर्वेद औषधालय सिंघनगढ़ को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
आयुष केंद्र एवं स्पेशलिटी क्लीनिक श्रेणी में बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर संभाग के दो-दो आयुष संस्थाओं को पुरस्कृत किया गया। इस श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में 75 हजार रूपए और द्वितीय पुरस्कार के तौर पर 50 हजार रूपए की राशि दी गई। बिलासपुर संभाग के रायगढ़ जिले के आयुष केन्द्र कनकबीरा को प्रथम और कोरबा के आयुष स्पेशलिटी क्लीनिक लेमरू को द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया। सरगुजा संभाग के अंतर्गत सूरजपुर के आयुष स्पेशलिटी क्लीनिक बसदेई को प्रथम एवं जशपुर के आयुष केन्द्र भेंलवां को द्वितीय पुरस्कार दिया गया। बस्तर संभाग के तहत कांकेर जिले के आयुष केन्द्र कोटतरा को प्रथम और कोंडागांव के आयुष केन्द्र अनतपुर को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
