June 19, 2025

कोरोना टेस्ट के दौरान नाक में ही छूटी-स्ट्रिप….5 महीने बाद हुआ खुलासा…

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आपने ऑप्रेशन के दौरान डॉक्टरों द्वारा चिकित्सकीय औजार पेट में ही छोड़ देने के तो बहुत से किस्से सुने होंगे पर आपने कोरोना टेस्ट के दौरान स्ट्रिप नाक में ही छोड़ देने का क्या कोई मामला सुना है?

  ऊना के डॉक्टरों ने इस नई उपलब्धि का सफल परीक्षण करते हुए कोरोना टेस्ट के दौरान बिलासपुर जिले के एक युवक की नाक में ही स्ट्रिप छोड़ देने से एक और नया अध्याय स्वर्णिम अक्षरों में अपने नाम कर लिया है।

क्या है मामला:– 21 वर्षीय युवक अश्वनी कुमार मार्च माह में ऊना में आयोजित आर्मी भर्ती में भाग्य आजमाने गया था। चूंकि कोरोनाकाल के चलते भर्ती में भाग लेने वाले सभी अभ्यर्थियों को कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया गया था जिसके तहत अश्वनी कुमार ने भी ऊना के सरकारी अस्पताल में 17 मार्च को अपना कोरोना टेस्ट करवाया। अब खुशकिस्मती से अश्वनी का कोरोना टेस्ट तो नेगेटिव आया परन्तु टेस्ट करवाने के बाद अश्वनी के नाक व सिर में तेज दर्द रहने लगा। भर्ती प्रक्रिया से गुजरने के बाद घर पहुंचने पर जब अश्वनी की तबीयत खराब रहने लगी तो उसने निजी क्लीनिकों से दवाई लेना शुरू कर दी परन्तु कोई आराम नहीं पहुंचा और 5 महीने बाद अगस्त माह में पीड़ा बढ़ने के साथ अश्वनी की नाक से खून बहना भी शुरू हो गया।

हालांकि मामूली दर्द समझकर अश्वनी ने अपना एमआरआई नहीं करवाया तथा स्थानीय क्लीनिकों से दवाई लेकर ही काम चलाते रहे। स्थानीय डॉक्टरों की जोरआजमाइश के बाद अब समाज में जिस छींक को अपशकुन माना जाता है, उसी छींक ने कमाल दिखाते हुए अश्वनी की इस रहस्यमयी बीमारी से पर्दा उठा दिया। 24 अगस्त को अश्वनी को लगी ताबड़तोड़ छींको ने जब रुकने का नाम नहीं लिया तो जोरदार छींक के साथ अश्वनी की नाक में कोरोना टेस्ट के दौरान डॉक्टर द्वारा छोड़ दी गई लम्बी स्ट्रिप का कुछ हिस्सा बाहर निकला जिसके बाद खींचकर इसे पूरी बाहर निकाला गया।यह छींक अश्वनी कुमार के लिए शुभ साबित हुई और  उसकी सिर-नाक दर्द की इस रहस्यमयी बीमारी से पर्दा उठ पाया। अश्वनी कुमार के अनुसार टेस्ट के दौरान नाक से धकेली गई यह स्ट्रिप उसके दिमाग तक पहुंच गई थी। उसने बताया कि उसने इस चिकित्सकीय लापरवाही के विरुद्ध शिकायत को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर दर्ज करवा दिया है।