June 19, 2025

17 दिनों बाद अजगर के अंडों को ऐसे मिला नया जीवन,पढ़िए विनीतेश की जुबानी

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सामना – रायगढ़ – रायगढ़ जिले में अजगर के 11अंडों से 13 बच्चों को नया जीवन मिला है। जिन्हें सुरक्षित फॉरेस्ट में रिलीज़ भी कर दिया गया है।

क्या है अजगर के इन अंडों से 17 दिनों बाद निकले बच्चों की पूरी सच्चाई… आईए जानते हैं

दरअसल नंदेली रोड,कुर्मा पाली से रितेश पटेल ने सर्प रक्षक टीम को यह जानकारी दी कि चौधरी कॉम्प्लेक्स के आंगन मे लकड़ी रखने वाली जगह पर कुछ अंडे पड़े हुए हैं, लकड़ियां हटाने के दौरान वंहा से एक अजगर भी दिखा था, टीम ने वंहा पंहुच कर अंडो के आकार से जाना की यह अजगर सांप के अंडे हैं।

टीम को 11 अंडे मिले जिनकी स्थिति पानी पड़ने की वजह से बेहद खराब नजर आ रही थी, कुछ अंडे डेमेज भी दिख रहे थे।लिहाजा उन अंडों से अजगर के बच्चों को सुरक्षित रख पाना लगभग नामुमकिन लग रहा था ऐसे में सर्प रक्षक टीम रायगढ़ के अध्यक्ष जिन्हें वन्य जीवों के प्रति अथाह प्रेम की वजह से इस टीम के संरक्षक के रूप में जाना जाता है का मन नहीं माना उम्मीद कम होते हुए भी कि इन अंडों से बच्चे बाहर आयेंगे, उन्होंने अपनी टीम के सदस्यों के साथ मिलकर कोशिश की, वन विभाग को सूचना देकर अंडो को हैचींग की प्रक्रिया के लिए रखा गया।

क्या कहते हैं विनीतेश तिवारी – सर्प रक्षक टीम रायगढ़ के अध्यक्ष विनीतेश तिवारी बताते हैं कि जब हमने अंडों को देखा तो उनकी स्थिति दयनीय थी, लेकिन किसी एक अंडे से भी एक भी बच्चा बच जाये तो हमें ख़ुशी मिलती यही सोचकर हमने उन्हें वहां से एक एक कर बाहर निकाला।

विनीतेश तिवारी बताते हैं कि हमने अंडों को निकाला और अपने घर ले आए जहां 60/ वाट के बल्ब के नीचे एक निश्चित दूरी बना कर उनको कुछ दिन सेने के लिये रखे थे, विनीतेश की निगाहें उन अंडों पर इसी आस से टिकी रहती कि इनमें कोई हलचल होगी और उनका प्रयास सफल हो पाएगा।

17 दिन रखे घर पर अंडे -17 दिन तक अंडो से कोई भी बच्चा नही निकला था उस वक्त विनीतेश को लगा कि शायद सभी अंडे खराब हो चुके हैं और अब इन अंडों से कोई बच्चे बाहर नहीं निकलेंगे।तब उन्होंने सोचा कि अब अंडों को उस रौशनी से बाहर निकाल देना चाहिए।

मेहनत रंग लाई:- 17 दिन बीत जाने पर विनीतेश रोज़ाना की तरह अपने काम पर निकल गए जब शाम को घर लौटे तो उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा तकरीबन 7 बजे उन 11 अंडो से एक एक कर 13 बच्चों का जन्म हुआ।तकरीबन 10 घंटो के अंदर सभी 11अंडों से बच्चों ने सुरक्षित और स्वस्थ जन्म लिया।

जंगल में किया गया रिलीज़ – अगले ही दिन विनीतेश तिवारी अपने टीम के सदस्यों के साथ मेडिकल कॉलेज से आगे गजमार पहाड़ी पहुंचे जहां उस एरिया के वन विभाग के आरक्षक लखन के साथ जंगल में उन्हें रिलीज़ कर दिया और यह रिलीज़ पूरी जानकारी DFO को पूरी जानकारी देकर किया गया।

स्रोत – सर्परक्षक & एनिमल रेस्क्यू टीम रायगढ़ (छ.ग.)