उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के विभागों के लिए 21,277 करोड़ 28 लाख से अधिक की अनुदान मांगें पारित

बस्तर फाइटर्स के लिए 3202 नए पदों का सृजन
सामना -छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पुलिस, गृह, जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के वित्तीय सहायता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 21,277 करोड़ 28 लाख रूपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित की गई।
इसमें पुलिस विभाग से संबंधित व्यय के लिए 8237 करोड़ 13 लाख 16 हजार रूपए,
गृह विभाग से संबंधित व्यय के लिए 141 करोड़ 64 लाख 25 हजार रूपए,
जेल विभाग के लिए 278 करोड़ 99 लाख 90 हजार रूपए
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिए 8055 करोड़ 65 लाख 97 हजार
त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के वित्तीय सहायता के लिए 4025 करोड़ 76 लाख 69 हजार रूपए
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए 64 करोड़ रूपए तथा तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के लिए 474 करोड़ 8 लाख 4 हजार रूपए की अनुदान मांगे पारित की गई।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए 8500 करोड़ ऐतिहासिक प्रावधान किया गया है। इससे आवासहीन एवं जरूरतमंद परिवारों का स्वयं के मकान का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाभियान के तहत 26 हजार 426 विशेष पिछड़ी जनजाति के हितग्राहियों को मकानों की स्वीकृति दी गई और उनके खातों में 259 करोड़ की राशि हस्तांतरित की गई है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 2.70 लाख स्व सहायता समूह के माध्यम से 29.14 लाख से अधिक गरीब परिवारों की महिलाओं को जोड़कर विभिन्न आयमूलक गतिविधियों के माध्यम से रोजगार मुहैया कराई जा रही है। योजना के तहत अब तक संगठनों को 6873 करोड़ रूपए से अधिक की राशि आपदा कोष के रूप में जारी किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में दो लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य के विरूद्ध 2.24 लाख से अधिक महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में आ चुकी है।
वहीं केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहयोग से नमों ड्रोन दीदी योजना शुरू की गई है। अभी तक 14 ड्रोन दीदी तैयार कर 74 और ड्रोन दीदीयों के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
हमारी सरकार इस वर्ष के बजट में स्वच्छ भारत मिशन के लिए 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बस्तर संभाग के ऐसे अपूर्ण सड़के जो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में है, सुरक्षा बलों के सहयोग से 204 किलोमीटर की 19 सड़के पूर्ण कर लिया गया है। वहीं 35 वृहद पुलों का निर्माण कर 85 करोड़ रूपए व्यय किया गया हैं। इस वर्ष बजट में नवीनीकरण कार्य हेतु 350 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
इसी प्रकार पीएम-जनमन योजना अंतर्गत पीवीजीटी बसाहटों में सड़क निर्माण के लिए 500 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम सडक विकास योजना के लिए 92.70 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है इससे 167 किलोमीटर की 66 सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम गौरवपथ योजना के लिए 100 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।
इसी प्रकार 70 ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण हेतु 14 करोड़ रूपए का प्रावधान है। वहीं प्रदेश सभी पंचायतों में पंचायत राज मंत्रालय के सहयोग से कम्प्यूटर उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रदेश में पुलिस अधोसंरचना को मजबूत करने पुलिस अधोसंरचना निर्माण के लिए 518 करोड़ की राशि आवंटित की गई है, जो पिछले वर्षों के कुल बजट से भी अधिक है। पिछले बजट में इस मद के लिए 200 करोड़ की राशि रखी गई थी, लेकिन इस बार इसे ढाई गुना से अधिक बढ़ाया गया है। सरकार का यह निर्णय पुलिस बल को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने और उनके कार्यस्थल की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस थानों, प्रशिक्षण केंद्रों, प्रशासनिक भवनों और पुलिस आवासों के निर्माण एवं उन्नयन के लिए यह राशि खर्च की जाएगी।
बस्तर के सातों जिलों में नक्सल विरोधी बल बस्तर फाइटर्स के लिए 3202 नए पदों के सृजन का निर्णय लिया गया है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के प्रशासनिक और आवासीय भवनों के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। नक्सल आसूचना तंत्र को और मजबूत करने के लिए नवीन भवन निर्माण एवं उपकरणों के लिए लगभग 2.74 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा नक्सल विरोधी अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए 14 करोड़ की लागत से एक विशेष डब्लूएचएपी वाहन खरीदा जाएगा।
प्रदेश में पुलिस बल के आधुनिकीकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इस वर्ष के बजट में पुलिस बल को अत्याधुनिक हथियारों, संचार उपकरणों, बुलेटप्रूफ जैकेट और विशेष निगरानी ड्रोन से लैस करने के लिए 350 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए प्रदेश में आधुनिक साइबर सेल की स्थापना की जा रही है, जिसके लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।
पुलिस वाहनों की संख्या बढ़ाने एवं गश्त की गुणवत्ता सुधारने के लिए भी इस बजट में महत्वपूर्ण आवंटन किया गया है। पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। पुलिस आवासीय सुविधा को बेहतर बनाने के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे पुलिस कॉलोनियों का निर्माण एवं मरम्मत कार्य किया जाएगा। पुलिस कर्मियों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 75 करोड़ की राशि आवंटित की गई है, जिसमें पुलिस अस्पतालों का उन्नयन एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति शामिल है।
महिला सुरक्षा को और अधिक सशक्त बनाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। ‘सखी वन स्टॉप सेंटर’ और ‘निर्भया पेट्रोलिंग यूनिट’ का विस्तार करने के लिए 100 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। प्रत्येक थाना स्तर पर महिला हेल्पडेस्क स्थापित करने की योजना बनाई गई है, जिससे महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान की जा सके।प्रदेश में पुलिस और जनता के बीच समन्वय को बढ़ाने के लिए ‘जनसंवाद कार्यक्रम’ की शुरुआत की गई है, जिसके तहत स्थानीय नागरिकों और पुलिस अधिकारियों के बीच नियमित संवाद स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 30 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है।
सड़क और संचार नेटवर्क का विस्तार भी सरकार की प्राथमिकता में है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए 53 नए सुरक्षा कैम्प स्थापित किए गए हैं। इस प्रयास के तहत नारायणपुर-धौड़ाई-दंतेवाड़ा-बारसूर मार्ग को चालू किया गया है, जिससे वर्षों से प्रभावित क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त, अन्य महत्वपूर्ण मार्गों पर सुरक्षा उपलब्ध कराकर निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है। वर्ष 2023 से जनवरी 2025 तक की अवधि में विभिन्न योजनाओं के तहत 49 मार्गों पर 243 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण और 11 पुलों का निर्माण कार्य पूरा किया गया है। संचार नेटवर्क को सशक्त करने के लिए माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में 577 नए मोबाइल टॉवर स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, विद्युतीकरण के कार्य भी तेज किए गए हैं, जिससे सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में पहली बार बिजली पहुँची है।
