June 21, 2025

सावित्री नगर में जन्माष्टमी मेला के लिए नए संचालक ने मांगी अनुमति…विरोध और असमंजस बरकरार…

IMG-20230711-WA0304.jpg
Share

सामना:- रायगढ़ के ऐतिहासिक जन्माष्टमी पर्व की चर्चा प्रदेश स्तर तक ख्यातिलब्ध है इस मौके पर शहर में डिजनीलैंड मेले का भी आयोजन किया जाता है जिसका लुत्फ उठाने जिले भर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। मीनाबाजार स्थल को लेकर विरोध,आरोप प्रत्यारोप के दौर के बीच अब नए संचालक चंद्रकांत इंटरप्राइजेस ने कलेक्टर को आवेदन सौप कर जन्माष्टमी मेला लगाए जाने की  अनुमति मांगी है।अपने सौंपे गए ज्ञापन में नए संचालक का कहना है कि ट्रैफिक जाम,फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस ना पहुंच पाने का हवाला देते हुए कुछ पार्षदों और जनप्रतिनिधियों ने सावित्री नगर में जन्माष्टमी मेला लगाए जाने का विरोध किया है यदि ऐसा है तो जन्माष्टमी के अवसर पर तीन से चार दिनों के लिए जिस तरह श्याम मंदिर में लगने वाली झांकियों के दौरान जो ट्रैफिक और अन्य समस्याओं को संभालने के लिए जो व्यवस्था मंदिर समिति और प्रशासन द्वारा की जाती है उसी तरह उनके द्वारा गार्ड व विलेंटियर्स की व्यवस्था की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि या ट्रैफिक की समस्या उत्पन्न ना हो इसके अलावा आयोजन स्थल पर  इमरजेंसी में मेडिकल सुविधा भी आयोजन समिति द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।इसलिए उन्हें इस वर्ष जन्माष्टमी मेला लगाए जाने की अनुमति प्रदान की जाए।

विरोध और असमंजस बरकरार:- जन्माष्टमी मेला को लेकर प्रशासन असमंजस की स्थिति में है क्योंकि इस वर्ष कई जनप्रतिनिधियों द्वारा जन्माष्टमी मेला स्थल का विरोध किया जा रहा है। हालांकि दो दिनों पूर्व ही जिला प्रशासन की टीम स्थल निरीक्षण करने पहुंची थी जहां विरोध कर रहे पार्षद और कुछ स्थानीय निवासी भी मौजूद रहे सभी ने अपना अपना पक्ष रखा।विरोध कर रहे जनप्रतिनिधियों ने भी कलेक्टर को आवेदन सौंपा है स्थिति स्पष्ट ना होते देख  कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है लिहाज़ा इस मामले का पूरा पटाक्षेप जिला प्रशासन के रुख पर निर्णय करता है। जिला प्रशासन भी सभी पहलुओं से बारीकी से जांच कर रही है जल्द ही इस मामले पर कोई निर्णय आ सकता है।

क्या कहते हैं सलीम नियारिया:- इस विरोध में शामिल पार्षद और पूर्व सभापति सभापति सलीम नियरिया का कहना है कि  सुरक्षा की दृष्टिकोण से वह स्थल बिल्कुल भी सही नहीं है। मेडिकल इमरजेंसी होने पर वहां कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है उनका विरोध मीना बाजार का विरोध नहीं है, बल्कि मीना बाजार के स्थल का विरोध है साथ ही उन्होंने इस मामले पर उठ रहे सवालों पर कहा कि इस विरोध में उनका कोई स्वार्थ नहीं है और उनका विरोध जारी रहेगा।

बहरहाल इस वर्ष जन्माष्टमी मेले की ख्याति पिछले वर्षों की तुलना में लगने से पूर्व ही चर्चित हो चुकी है।विरोध,आरोप,प्रत्यारोप के बीच अब नए संचालक और उनके द्वारा व्यवस्थाओं की पूरी जिम्मेदारी संभालने का आश्वासन दिया जा रहा है…अब देखना यह लाजिमी होगा कि अंतिम फैसला आने पर ही क्या सर्वसम्मति सेमामले पर पूर्ण विराम लगेगा?