सातवें दिवस में ही “ॐ नमः शिवाय” का 51 लाख जाप हुआ संपन्न….सवा महीने में “रुद्राक्ष” के करीब सवा तीन करोड़ जाप से अभिमंत्रित होने की संभावना… रायगढ़ के कोने कोने से आ रहें है शिवभक्त…


सामन:- रायगढ़:- पवित्र श्रावण मास के सुअवसर में धर्म रक्षा समिति और हिंद सेवक समिति के सामूहिक तत्वाधान में राजामहल समलाई मंदिर प्रांगण में आयोजित अखंड “ॐ नमः शिवाय” महामंत्र जाप की गूंज से अब समूचा रायगढ़ अंचल शिवमय होने लगा है।कार्यक्रम संयोजक विकास केडिया और सहसंयोजक सी वी शर्मा ने आज मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सवा महीने तक चलने वाले इस अखण्ड ॐ नमः शिवाय के जाप के प्रथम सप्ताह में ही ५१ लाख पंचाक्षारी महामंत्र का जाप संपन्न हो चुका है जो कि अपने आप में एक असाधारण उपलब्धि है और आज सप्तम दिवस के द्वितीय चरण तक कुल २७९५ आगंतुक शिवभक्त साधकों और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से आए आठ पंडितों द्वारा किए गए जाप की संख्या की बदौलत ५१ लाख जाप की संख्या पार हुई है और यदि इसी प्रकार जाप आगे भी अनवरत समापन दिवस तक चलता रहा तो यह संख्या सवा तीन करोड़ के पार होगी, जिससे कि शिवलिंग निर्माण में उपयोग में लाए गए ५१, हजार रुद्राक्ष बीज करोड़ों पंचाक्षरी मंत्रों से अभिमंत्रित होगा, जिससे अभिमंत्रित रुद्राक्ष की शक्ति कई गुणा अधिक बढ़ जायेगी, जिसका लाभ इसे धारण करने वाले शिवभक्त को जल्दी प्राप्त होगा।इस कार्यक्रम की सबसे खास बात यह है कि पूरे दिन पंडाल में शिवभक्तों की उपस्थिति बनी रहती हैं जिसमें विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से जाप करते देखना सुखद धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव है।

बता दें कि आयोजन समिति के संरक्षकद्वय दिलीप मोड़क, विनोद अग्रवाल, संयोजक विकास केडिया, सहसंयोजक सी वी शर्मा, व्यवस्थापक पंकज कंकरवाल , प्रसार प्रचार प्रमुख सुरेंद्र पांडेय , सुनील थवाईत, तुषार तिवारी , पी सी मिश्रा सहित संस्था के अन्य दो दर्जन के करीब पदाधिकारी व स्वयंसेवक अपने अथक प्रयास और समर्पण से इस धार्मिक आयोजन को और अधिक भव्य और पुण्य दायक बनाने की दिशा में दिन रात तत्पर दिखाई दे रहे हैं।


अभिमंत्रित रुद्राक्ष धारण करने के फायदे

रुद्राक्ष शरीर के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है।
विशेष ऊर्जा का विकिरण करता है जिसका शरीर, मन और आत्मा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसका उपचारात्मक प्रभाव होता है।
नकारात्मक एनर्जी को कम करता है।
एकाग्रता में सुधार करता है।
मानसिक और शारीरिक संतुलन प्रदान करता है।
आध्यात्मिक विकास को बढ़ाता है।
मन को शांत करने में मदद करता है।
चक्रों को संतुलित करता है और संभावित बीमारियों को दूर करता है।
ध्यान में सहायक होता है।
शांति और सद्भाव लाता है।
हानिकारक ग्रहों के प्रभाव को दूर करता है।
तनाव और ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

