पूर्वांचल भोजपुरी समाज ने की रायगढ़ -वाराणसी-प्रयागराज के लिए ट्रेन की मांग…

सामना:- रायगढ़:- विगत दिनों रेल मंत्रालय द्वारा रायगढ़ रेल स्टेशन पर तीन एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव को अनुमति दी गई। ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के लिए 18 अगस्त को रायगढ़ लोकसभा सांसद गोमती साय, रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक सहित विभिन्न नेताओं सहित रेलवे डी आर एम ,बिलासपुर सहित उच्च पदाधिकारी रायगढ़ रेल स्टेशन पर मौजूद थे । इस मौके पर विभिन्न समाज के प्रतिनिधियों ने रेल संबंधी अपनी मांगें रखीं । जिले की अग्रणी सामाजिक संस्था पूर्वांचल भोजपुरी समाज के सदस्य भी अपने संरक्षक प्रेम नारायण मौर्य तथा अध्यक्ष उमेश उपाध्याय के साथ सांसद और डी आर एम से मिले और रायगढ़ से वाराणसी वाया प्रयागराज के लिए ट्रेन की मांग की । गौरतलब है कि पूर्वांचल भोजपुरी समाज लंबे समय से इस ट्रेन की मांग कर रहा है । समाज के अध्यक्ष उमेश उपाध्याय ने बताया कि रायगढ़ जिले में भोजपुरी समाज के सदस्यों की संख्या लगभग 2,50,000 है। प्रवासियों की इतनी बड़ी जनसंख्या के लिए रायगढ़ से एक भी ट्रेन गंतव्य तक जाने के लिए नहीं है। साथ ही, इस समूचे क्षेत्र से भी लगभग सभी सनातनी धर्मावलंबी अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए संगम की यात्रा करते हैं । इन सभी को यात्रा में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है । वर्तमान में समर्थ लोग सड़क मार्ग से यात्रा करते हैं । पर जो ट्रेन से यात्रा करने के लिए मजबूर हैं उन्हें या तो झारसुगुड़ा जा कर या फिर बिलासपुर जाकर ट्रेन पकड़नी होती है । यह समय साध्य , श्रम साध्य और अर्थ साध्य तीनों है । उमेश उपाध्याय का कहना है कि इस विकट समस्या के समाधान के लिए समाज लगातार जिम्मेदारों से थ्रू प्रॉपर चैनल पत्राचार कर रहा है , पर अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे में , स्थानीय लोगों में बहुत निराशा और आक्रोश है । अध्यक्ष उमेश उपाध्याय ने कहा कि हमने समाज की ओर से एक वैकल्पिक व्यवस्था का भी सुझाव दिया था कि झारसुगुड़ा से होकर तीन ट्रेनें वाराणसी जाती हैं । उनमें से किसी एक को भी रायगढ़ तक एक्सटेंड किया जा सकता है । या फिर बिलासपुर से होकर गुजरने वाली एक ट्रेन को रायगढ़ तक एक्सटेंड करके इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। पर रेल प्रबंधन द्वारा आज तक इस ओर कोई तवज्जो नहीं दी गई है। समाज की इस मांग को सांसद और रेल प्रबंधन ने ध्यान से सुना । सांसद ने समाज की मांग से सहमति व्यक्त करते हुए उनके हाथों से ज्ञापन लेकर स्वयं डी आर एम को सौंपा और समाज की मांग को उच्च स्तर पर पहुंचाने का आश्वासन दिया और तत्संबंधी कार्यवाही की प्रक्रिया में अपने सहयोग की बात कही ।
