घरघोड़ा नगर पंचायत में निविदा की तिथि पांच दिन बढ़ाई गई… उठ रहे सवाल…

सामना:- घरघोडा:- रायगढ़-पूरे प्रदेश में सुर्खियों में रहने वाला घरघोड़ा नगर पंचायत सदा अपने क्रिया कलापो के लिये चर्चा में रहता है।विवादो के चलते सुर्खियो में रहने वाला पंचायत में नियमों को दरकिनार किये जाने से इससे शासन को राजस्व नुकसान उठाना पड़ रहा है। ममला टेंडर तिथि को बढ़ाने का सामने आया है।
दरअसल बीते दिनों नगर पंचायत सीएमओ द्वारा 28 अगस्त 23 को 49 कार्यो के लिये मैन्यूल निविदा आमंत्रित कर जमा करने की तिथि 20 सितंबर 23 निर्धारित की गई थी। यह निविदा अधोसरंचना मद के अन्तर्गत नगर में विभिन्न निर्माण कार्यो के लिए मंगाया गया था। जिसमे कई ठेकेदारों ने रुचि लेते हुए नियम व शर्तों के साथ टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया कुछ ठेकेदारों ने समय अवधि में निविदा डाल भी दिया कुछ सत्ता और विपक्ष के ठेकेदारों द्वारा निर्धारित समय मे टेंडर नही डाल पाने के कारण एकाएक टेंडर तिथि को 5 दिन के लिए बढ़ा दिया गया जो पूरे नगर में चर्चा का विषय बन गया है आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि निविदा को पांच दिनों के लिये बढ़ाना पड़ गया बताया यह भी जाता है कि घरघोड़ा नप के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है और कही ना कही राजनीतिक पकड़ वाले ठेकेदार उस प्रक्रियाओं में भाग नही ले पाए थे, उनका टीडीआर नही बन पा रहा था। ऐसे में निविदा जमा करने की तिथि में एक दिन भी नही सीधे पांच दिन बढ़ा दी गई जबकि नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अपर संचालक सोमिल रंजन चौबे के पत्र क्रमांक चार 13 -10-2014 में स्पष्ठ निर्देश जारी किया है की निविदा जमा होने की तिथि में अगर कोई अवकाश होता है तो निविदा जमा करने की तिथि अगले दिन मानी जावेगी, ओर अगर इन नियमो का पालन नही होता है तो सीएमओ उत्तरदायी माने जावेगे व विभाग को हुये अतिरिक्त व्यय को सम्बंधित अधिकारी से वसूल की जावेगी अगर निविदा में ठेकेदार भाग नही ले पाते है तो नियमो के अनुसार पुनः निविदा आमंत्रित किया जाना था सभी विभागों में भी यही होता है। बहरहाल घरघोड़ा में टेंडर का खामियाजा शासन को राजस्व हानि तथा प्रशासनिक छवि को भी धूमिल कर रहा हैं ऐसे में उच्च अधिकारी क्या कार्यवाही करते है आने वाला समय बतायेगा।
जेडी मिश्रा सयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग विलासपुर:- टेंडर में नियमों का उल्लंघन की जानकारी मिली हैं इस सम्बंध में सम्बंधित घरघोड़ा नगर पंचायत के अधिकारी से इस पर विस्तृत रिपोर्ट मंगाया जाएगा। अगर कोई गड़बड़ नियमों की अनदेखी की जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।
