देवरिया सामुहिक हत्याकांड- आरोपियों के घर चलेगा बुल्डोजर!….नोटिस किया गया चस्पा…

सामना:- देवरिया सामूहिक हत्याकांड के बाद प्रेम और उसके चार साथियों के मकान पर बुलडोजर चलेगा। शुक्रवार को प्रशासन ने नोटिस चस्पा कर दिया। उधर, तहसीलदार कोर्ट में धारा 67 का केस चलेगा। जुर्माना भी लगाया गया है। लेखपाल ने रिपोर्ट दे दी है। आरोपियों के मकान सरकारी जमीन पर बने हैं।फतेहपुर गांव के लेड़हा टोला में सामूहिक हत्याकांड में नामजद प्रेम यादव समेत पांच आरोपियों के घर पर शुक्रवार की शाम प्रशासन ने सरकारी जमीन से बेदखली का नोटिस चस्पा करा दिया। नोटिस के माध्यम से आरोपियों पर जुर्माना लगाने के साथ ही जवाब देने के लिए एक दिन यानी शनिवार तक की मोहलत दी गई है।
कहा गया है कि तय अवधि में सरकारी जमीन खाली नहीं की तो प्रशासन का बुलडोजर चल जाएगा। नोटिस चस्पा होने के बाद गांव में हड़कंप मच गया है। सरकारी जमीन पर मकान बनवाने के मामले में प्रेम यादव पर 31 हजार और चार अन्य आरोपियों पर 39 हजार का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माने की राशि शनिवार तक जमा करनी है।दरअसल, लेखपाल ने रिपोर्ट दी है कि इन आरोपियों ने सरकारी जमीन पर मकान बनवा लिया है। इसके बाद तहसीलदार कोर्ट में पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के पिता समेत पांच आरोपियों के खिलाफ धारा 67 एक के तहत केस चलाया गया। नोटिस चस्पा होने के बाद अब कभी भी इन पांचों मकानों पर बुलडोजर चल सकता है।लेखपाल की रिपोर्ट के अनुसार, फतेहपुर गांव के अभयपुर टोले में पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के पिता रामभवन यादव, परमहंस यादव समेत पांच लोगों के मकान सरकारी जमीन पर बने हैं। इसमें वन विभाग और एक इंटर कॉलेज की जमीन शामिल है।सामूहिक हत्याकांड के बाद बाद जांच में यह जानकारी मिली तो प्रशासन ने कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी। शुक्रवार को सरकारी जमीन से बेदखली की कार्रवाई शुरू होते ही गांव के लोग सकते में आ गए। शाम को तहसील के कर्मचारियों ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के पिता रामभवन यादव, परमहंस यादव, गोरख यादव समेत पांच लोगों के मकानों पर नोटिस चस्पा कर दिया।
बुलडोजर की राह से रोड़ा हटा
फतेहपुर गांव के लेड़हा टोला में सामूहिक हत्याकांड में नामजद प्रेम सहित अन्य आरोपियों के मकानों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई चार अक्तूबर को ही होनी थी, पर कानूनी पेच के कारण मामला टल गया था। धारा 67 के तहत आरोपियों को नोटिस नहीं दिया गया था। इसके कारण बुलडोजर को लौटना पड़ा। इस प्रक्रिया को अब पूरा कर लिया गया है। अब बुलडोजर चलना तय माना जा रहा है।
