CG High Court:- ब्रेकअप के बाद युवक द्वारा सुसाइड मामले में युवती समेत दो आरोपी दोषमुक्त..हाईकोर्ट ने कहा:- “मानसिक दुर्बलता से उठाए गए कदम के लिए अन्य दोषी नहीं,भले ही सुसाइड नोट में उसका नाम लिखा हो”..

सामना:- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने युवती से ब्रेकअप के बाद युवक द्वारा खुदकुशी करने के मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि, यदि कोई मानसिक दुर्बलता के चलते ऐसा कदम उठाता है तो इसके लिए किसी और को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। भले ही उसने सुसाइड नोट में उनका नाम ही क्यों न लिखा हो।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की एकल पीठ ने माना है कि यदि प्रेम में असफल कोई प्रेमी,आत्महत्या कर लेता है तो उसके साथी को उकसाने का दोषी नहीं माना जा सकता है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता युवती व अन्य दो लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने वाली धाराओं के तहत लगे आरोपों को रद्द कर दिया है।पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की एकल पीठ ने यह भी कहा “यदि कोई प्रेमी, प्रेम में असफलता के कारण आत्महत्या करता है, यदि कोई छात्र, परीक्षा में अपने खराब प्रदर्शन के कारण आत्महत्या करता है, यदि कोई क्लाइंट अपना केस ख़ारिज हो जाने के कारण आत्महत्या करता है तो क्रमशः महिला, परीक्षक, वकील को उकसाने के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। किसी कमज़ोर या दुर्बल मानसिकता वाले व्यक्ति द्वारा लिए गए ग़लत निर्णय के लिए किसी अन्य को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।”
मामला राजनांदगांव का है पुलिस को 28 जनवरी 2023 को अभिषेक नरेडी नाम के युवक की लाश मिली थी। मृतक की जेब से मिले सुसाइड नोट से पता चला कि 5-6 साल से उसका एक युवती से प्रेम सम्बन्ध था। युवती द्वारा ब्रेकअप करने और दो युवकों द्वारा धमकाकर प्रताड़ित करने के कारण उसने खुदकुशी की ।
पुलिस ने धारा 306 के तहत केस दर्ज कर दोनों युवक और युवती को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया। एडिशनल सेशन कोर्ट ने युवती और युवकों के खिलाफ आरोप तय कर दिया। फैसले के खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन पेश किया।
जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की सिंगल बेंच ने Nope टिप्पणी के साथ कि इसे दुष्प्रेरण नहीं माना जा सकता। आत्महत्या केस के आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया।
