June 19, 2025

गॉड ऑफ ऑनर देकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री नंदूराम भांगे को दी गई अंतिम विदाई…. मुख्यमंत्री ने जताया गहरा दुख….

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सामना:- रायपुर, 22 दिसंबर 2023:- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बिलासपुर जिले के चकरभाठा निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री नंदूराम भांगे के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की है।भांगे का निधन जिला चिकित्सालय बिलासपुर में हुआ। उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में स्वर्गीय श्री भांगे का अतुलनीय योगदान रहा। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 14 वर्ष की किशोरावस्था में भी उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया और 3 महीने तक जेल में निरुद्ध रहे। स्वर्गीय श्री भांगे का योगदान हमेशा इतिहास में अमिट अक्षरों में लिखा रहेगा।

नंदू राव भांगे का जन्म राजेन्द्र नगर, बिलासपुर में 12 जनवरी सन् 1928 का हुआ था। वे कम उम्र में ही स्वतंत्रता आंदोलन मेें कूद पड़े थे। सन् 1942 में बिलासपुर के गोल बाजार में अंग्रेजों के खिलाफ प्रदर्शन व नारे बाजी में शामिल रहे जिसके प्रमुख डाॅ. वासुदेव जयकृष्ण देवरस थे। उनके ही नेतृत्व में यह आंदोलन चलाया जा रहा था। जिसके लिए नंदू राव भांगे को 3 माह की सजा सुनाई गयी और उन्हें बिलासपुर जेल में डाल दिया गया इस समय भांगे जी मात्र 14 वर्ष के ही थे।

भांगे जी ने  बताया था कि स्वतंत्रता सेनानियों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता था, उन्हें ठीक से भोजन-पानी नहीं दिया जाता था। आजादी के मतवालों को और भी पीड़ा तब होती थी जब इन पर कोड़े बरसाने वाले हाथ अपनों के होते थेे। अंग्रेज सैनिक कभी रात-दिन नहीं देखते थे जब चाहे घरों में घुसकर छान-बीन करने लगते और स्वतंत्रता सेनानियों को उठाकर जंगलों में छोड़ देते थे।

भांगे जी गिने-चुने जीवित बचे स्वंतत्रता संग्राम सेनानियों में से एक है। उन्होंने देश के नाम संदेश दिया है- ‘‘ये आजादी आसानी से नहीं मिली है, इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी वर्तमान पीढ़ी को संभालनी चाहिये’’।