पाकिस्तान में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने का मामला गरमाया..रायगढ़ सिक्ख समाज ने निकाली रैली.. किया पुतलादहन..

पाकिस्तान के लाहौर में सिक्ख समाज के पहले शासक महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति तीसरी बार तोड़े जाने पर रायगढ़ सिक्ख समाज में आक्रोश व्याप्त है। सिक्ख समाज ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। गुरुवार शाम 5 बजे गुरुद्वारे के सामने से गांधी प्रतिमा चौक तक विरोध प्रदर्शन कर रैली निकाली गई । गांधी प्रतिमा चौक पहुंचकर समाज द्वारा पाकिस्तान का पुतला दहन कर नारेबाज़ी की गई। गुरुसिंग सभा के उपाध्यक्ष सरबजीत सिंह ने सामना न्यूज़ से बातचीत में कहा कि..यह हरकत निंदनीय है इससे सिक्ख समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची है और हमारी मांग है कि इस तरह कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली घटनाएं फिर से ना दोहराई जाएं
क्या है पूरा मामला:— दरअसल पाकिस्तान के लाहौर में पंजाब के पूर्व शासक महाराजा रणजीत सिंह की 9 फ़ीट कांस्य की मूर्ति वहां के कट्टरपंथी समूह ने यह कहकर तोड़ दी कि उनके देश में सिक्ख सम्राट की मूर्ति स्थापित करना उनके धर्म के खिलाफ है। इससे पहले भी 2 बार यह मूर्ति तोड़ी जा चुकी है।2019 में ही इस मूर्ति का अनावरण किया गया था।अनावरण के महज़ 2 महीने बाद ही कट्टरपंथियों द्वारा इसे तोड़ दिया गया था जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया उसके बाद दिसम्बर2020 में दुबारा इसे तोड़ा गया जिसमें एक शख्स की गिरफ्तारी हुई। अब तीसरी बार फिर से इसे तोड़ने की कोशिश की गई है।
कौन थे महाराजा रणजीत सिंह:-महाराजा रणजीत सिंह सिक्ख समाज के संस्थापक थे जिन्हें शेर-ए-पंजाब कहा जाता है इनका जन्म लाहौर (पाकिस्तान) में हुआ था।20 वर्ष की उम्र में ही उन्हें महाराजा की उपाधि दी गई।उन्होंने40 वर्षों तक पंजाब में शासन किया और सदैव सिक्ख समाज को एकजुट किया।
