हिंदी माध्यम स्कूलों के भविष्य को लेकर ज़िला भाजपा नेता ने उठाए सवाल..पुराने सेटअप में 37 तो नए में 32 शिक्षक क्यों?…शिक्षा विभाग गुमराह ना करे…गुरूपाल भल्ला…

रायगढ जिला भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गुरूपाल भल्ला ने 9 हिंदी माध्यम स्कूल के सम्बंध में जिला प्रशासन से कुछ सवाल किए हैं:– हिंदी माध्यम स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से अध्यापन चल रहा है, उन स्कूलों के शिक्षको को आप्शन भरवाया गया है।जब दोनों माध्यम में अध्ययन होना है, तो हिंदी माध्यम के शिक्षकों को अन्यत्र हटाने का प्रस्ताव क्यो बन रहा है ?साथ ही नए सेटअप में पूरे हिंदी माध्यम के पद समाप्त क्यों किया गए हैं?
जहां तक अंग्रेजी माध्यम की शुरुआत में 3 जुलाई 20 को जारी सेटअप में सिर्फ अंग्रेजी माध्यम के लिए 46 पद स्वीकृति किया गया था,जिसमें शिक्षकीय कार्य हेतु 37 पद, ऑफिस स्टाफ 7 एवम 2 पद अंशकालीन पद के तहत अध्यापन चल रहा है,लगभग 600 छात्र इंग्लिश माध्यम में 1 से 12 वीं तक अध्ययनरत हैं।
30,6,21 को नया सेटअप जारी किया गया जिसमें इंग्लिश माध्यम के साथ हिंदी माध्यम का भी अध्यापन होगा:–उसमें शिक्षकों के कुल 39 पद स्वीकृत है, जिसमे शिक्षक हेतु 32 पद, ऑफिस स्टाफ 7 पद है ,नटवर स्कूल में हिंदी एवम अंग्रेजी माध्यम में कुल छात्र लगभग 1700 छात्र है, नए सेटअप के अनुसार अध्यापन संभव ही नही है, अंग्रेजी माध्यम के लिए जो पद स्वीकृति हुई थी वो और दोनों हिंदी ,अंग्रेजी माध्यम दोनों को मिला कर पद स्वीकृति कम कैसे होगी ?600 छात्रों के लिए 46पद,1700 छात्रों के लिए 42 पद,इससे प्रमाणित होता है कि हिंदी माध्यम का सेटअप समाप्त कर धीरे से हिंदी माध्यम को बंद कर दिया जाएगा। श्री आलोक शुक्ला प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग जी के पत्र में स्प्ष्ट है:–कि हिंदी माध्यम के छात्रों को आस पास के शासकीय स्कूलों में पढ़ने की व्यवस्था करनी होगी ,इससे साफ हो रहा है कि हिंदी मीडियम को बंद होना पड़ेगा,
उपरोक्त सभी आदेशों से समझा जा सकता है कि हिंदी मीडियम का नटवर स्कूल एवम जिले 9 हिंदी मीडियम स्कूल जहां अंग्रेजी माध्यम संचालित हो रहा है का कोई भविष्य नही है स्कूल अपनी अंतिम सांस गिन रहा है।
नए सेटअप में कला ,कृषि ,व्यवसायिक ,आई टी,हेल्थ,एवम अनेक विषयों के पद भी नही हैं जब स्कूल की जरूरत है तब स्कूल बंद करना क्षेत्र और नगर दोनों के साथ अन्याय है, इसलिए विद्यार्थियों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा।
कुल मिलाकर जिले में जो वर्तमान व्यवस्था चल रही है दोनों माध्यम के अलग अलग संचालन की वह छात्र और उनके पलकों के हित में है ,अंग्रेजी माध्यम सही है लेकिन उसके कारण हिंदी माध्यम को बंद करना न्यायोचित नही है, जिले में लगभग 6हजार छात्र एवं 400 शिक्षक ,को अन्यत्र हटना पड सकता है, गरीब अभिभावकों पर बहुत ज्यादा आर्थिक मार पड़ेगी ।वर्षो से स्थापित इन प्रमुख स्कूलों के साथ एवम छात्रों के ऊपर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को ध्यान में रखकर ,पुरानी व्यवस्था संचालित होनी चाहिए ।
