बैकफुट पर योगी सरकार,दो फैसले लिए वापस

डिजिटल अटेंडेंस और बुलडोजर चलवाने का फैसला वापस
सामना – उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दो बड़े अहम फैसले लिए हैं जिससे सरकारी शिक्षकों और राजधानी लखनऊ के निवासियों को राहत मिली है।एक ओर जहां शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस पर दो महीने की रोक लग गई तो लखनऊ के पंतनगर में बुलडोजर के पहिए थम गए।
दो महीने के लिए डिजिटल अटेंडेंस पर रोक -डिजिटल अटेंडेंस को दो महीने के लिए स्थगित कर दिया है। इस दौरान एक समिति का गठन किया जाएगा जो शिक्षकों के मुद्दों को समझेगा.।सरकार ने ये कदम शिक्षकों के भारी विरोध के बाद उठाया है। शिक्षक योगी सरकार के डिजिटिल एटेंडेंस के फैसले का शुरू से विरोध कर रहे थे।
शिक्षकों ने कहा, उनको ऑनलाइन हाजिरी लगाने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. उनका कहना है कि स्कूलों में नेटवर्क नहीं है।रास्ते सही नहीं है. इन सब की समस्याओं को दूर किया जाए, उसके बाद हम ऑनलाइन हाजिरी देने को तैयार हैं। भारी विरोध के बाद सरकार ने शिक्षकों को कुछ छूट दी थी, लेकिन अब उसने अपने फैसले को फिलहाल 2 महीने के लिए स्थगित कर दिया है।
पंतनगर मामला- लखनऊ के कुकरैल नदी के किनारे घरों को चिन्हित किया गया था। नदी के 50 मीटर के दायरे में बने घरों को अवैध बताया गया. कुकरैल रिवरफ्रंट के दायरे में रहीमनगर, खुर्रमनगर, इंद्रप्रस्थनगर, पंतनगर और अबरारनगर के करीब एक हजार मकान हैं. मकानों को चिह्नित कर उनपर लाल निशान लगा दिए गए थे. इन मकानों पर बुलडोजर चलाया जाना था।
लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था. लोगों का कहना था कि हम सबके पास रजिस्ट्री की कॉपी है. बिजली के बिल हैं. फिर घर कैसे अवेध हो गया. यहां पर रहने वाले लोगों का कहना था कि जीवनभर की कमाई से उन्होंने मकान बनाया था. लोन लिया था. मकान टूटने के बाद हम लोग सड़क पर आए जाएंगे. कई निवासियों ने यहां तक कहा था कि हमें अपनी बेटी की शादी इसी घर से करनी थी।
लोगों की ये गुहार सीएम योगी तक पहुंची. जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की।बैठक के बाद निर्देश दिया गया कि पंतनगर, खुर्रमनगर और अबरार नगर में कुकरैल नदी के किनारे घर नहीं तोड़े जाएंगे।
