October 19, 2025

ITI का स्टूडेंट हुआ डिजिटल अरेस्ट का शिकार,दरवाजा तोड़तर बाहर निकाला गया

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कस्टम अधिकारी बनकर स्टूडेंट को धमकाया

सामना – छत्तीसगढ़ में डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं,जहां रायपुर में आईआईटी की तैयारी कर रहे एक छात्र को साइबर ठगों ने अपने जाल में फंसाकर डिजिटल अरेस्ट का शिकार बना लिया।

ठगों ने खुद को मुंबई कस्टम विभाग का अधिकारी बताकर छात्र को धमकाया और उसके खिलाफ आतंकवादी संगठन से जुड़े होने के फर्जी आरोप लगाए।

छात्र को कमरे में बंद रहने और किसी से बात न करने का निर्देश दिया, छात्र घबरा गया और खुद को हॉस्टल के कमरे में बंद कर लिया,गनीमत रही कि उसकी मां का फोन आया, जिससे पूरा मामला खुल पाया।

आतंकवादी संगठन से जुड़े होने का आरोप लगाया

पीड़ित की मां ने बताया कि उनका 16 वर्षीय बेटा रायपुर के हॉस्टल में रहकर आईआईटी की कोचिंग कर रहा है, एक दिन उसे किसी अनजान व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को कस्टम अधिकारी बताया।फोन पर कहा गया कि एक पार्सल में गैरकानूनी सामान मिला है, जो आतंकवादी संगठन से जुड़ा हुआ है।

इसके बाद ठगों ने मुंबई क्राइम सेल का अधिकारी बनकर छात्र से बात की और उसे डराना शुरू कर दिया. उन्होंने उसे धमकी दी कि वह कमरे से बाहर न निकले और किसी से संपर्क न करे. छात्र को फर्जी तस्वीरें और दस्तावेज भी भेजे गए, जिसमें आतंकवादी संगठन से जुड़े होने के आरोप लगाए गए थे.

मां के फोन से हुआ खुलासा

घटना के दौरान छात्र की मां ने उसे फोन किया. घबराहट में छात्र ने मां को बताया कि वह डिजिटली अरेस्ट हो गया है और किसी से बात नहीं कर सकता,मां ने उससे पूछा कि वह कहां है, तो उसने बताया कि वह हॉस्टल के कमरे में ही बंद है।

हॉस्टल वार्डन ने दरवाजा तोड़कर निकाला बाहर

मां ने तुरंत दुर्ग के सीसीटीएनएस प्रभारी डॉ. संकल्प राय से संपर्क किया। उन्होंने समझाया कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई प्रक्रिया नहीं होती। इसके बाद मां ने हॉस्टल वार्डन से संपर्क किया, वार्डन ने छात्र का दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं खुला, तो दरवाजा तोड़ दिया गया और छात्र को बाहर निकाला गया।

भिलाई में असली पुलिस से मिलवाया, तब हुआ सामान्य

छात्र की मां उसे भिलाई ले गईं, ताकि उसे असली पुलिस से मिलवाकर स्थिति स्पष्ट की जा सके. उसे सीसीटीएनएस प्रभारी से मिलवाया गया, जिन्होंने छात्र से बातचीत की। भिलाई नगर कंट्रोल रूम और पुलिस स्टेशन का दौरा करवाया गया, जिससे छात्र का डर कम हुआ और वह सामान्य हो सका।