
चंद्रपुर संवाददाता कमल अग्रवाल की रिपोर्ट
सामना न्यूज़:–चन्द्रपुर- चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पीएचई विभाग द्वारा जनपद पंचायत डभरा अंतर्गत कई गांवों में पानी टंकी,नाली तथा पाइपलाइन विस्तार का कार्य करवाया जा रहा है।जिसके लिए शासन द्वारा करोड़ों रुपए स्वीकृत हुए हैं।इस कार्य मे भ्रष्टाचार का आलम यह है कि वर्तमान में जो पानी टंकियां निर्माणाधीन हैं उनकी क्वालिटी निम्न स्तर की है। इन टंकियों में सीमेंट की मात्रा काम चलाऊ और बालू की मात्रा है इतना ही नहीं इस कार्य में जिस सीमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है वह आईएसआई कंपनी द्वारा स्वीकृत नहीं है शासन के पैसों का दुरुपयोग करने की शायद इस विभाग ने ठान रखी है। इस विभाग के अधिकारी से जब इस बात की शिकायत की गई तो उनका कहना था कि:–हमने कार्यरत ठेकेदार को कई बार अच्छी तरह कार्य करने की हिदायत दी है,लेकिन वह हमारी नहीं सुन रहे हैं और अपनी मनमर्जी से उक्त ग्राम पंचायत के अनापत्ति प्रमाण पत्र बनवा कर कार्य कर रहे हैं।
क्या कहते हैं ठेकेदार:— इस मामले में संबंधित ठेकेदारों से बात की गई तो सभी का कहना है कि जब सरपंच सचिव हमें कुछ नहीं बोल रहे हैं तो फिर हम दूसरे का क्यों सुने??
क्या कहते हैं स्थानीय लोग:–स्थानीय लोगों का कहना है कि क्या यह कार्य जनप्रतिनिधियों या उक्त ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए करवाया जा रहा है या आम नागरिकों के लिए? यह समझ से परे है।चंद्रपुर से लगे ग्राम पंचायत गोपालपुर जहां सड़क के ऊपर में ही एक टंकी का निर्माण किया जा रहा है वह पीडब्ल्यूडी रोड के पास ही है। अब डभरा जनपद पंचायत नया जिला सक्ति जिले के अंतर्गत आएगा इसलिए स्वाभाविक है कि डभरा ब्लॉक चंद्रपुर की रोड का चौड़ीकरण किया जाएगा। फिर शासन इस रोड के किनारे शासकीय कार्यों को करवा कर पैसों की बर्बादी क्यों करवा रही है ?क्या प्रशासन को कोई और उचित स्थान नहीं मिल रहा है जो मेन रोड में शासकीय काम करवा कर भविष्य में बनने वाले रोड के लिए बाधा उत्पन्न करवा रहे हैं ।शासन प्रशासन को चाहिए कि सक्ति से निकलने वाले रोड के अगल-बगल में शासकीय कामों पर तत्काल रोक लगाएं ताकि भविष्य में रोड बनने पर शासन के पैसों का दुरुपयोग तोड़फोड़ के रूप में ना करना पड़े क्योंकि यदि सड़क चौड़ीकरण होता है तो सड़क के अगल-बगल में जितनी भी सरकारी पानी की टंकियां बनी होंगी उन्हें तोड़ा जाएगा और दूसरी जगह बनाया जाएगा। तो बेहतर होगा कि अभी इन निर्माणाधीन टंकियों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाए जिससे शासन की राशि का दुरुपयोग ना हो।
