86 वर्षों से रायगढ़ कालीबाड़ी में हो रहा सिंदूर खेला का आयोजन… मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित कर सिंदूर खेला की रस्म अदायगी की गई…. सुहागन महिलाओं ने लगाया एक-दूसरे को सिंदूर..

सामना न्यूज़:-रायगढ़:–
बंगाली समाज द्वारा यह खास उत्सव मां की विदाई पर मनाया जाता है। दशहरा मां दुर्गा की विदाई होती है और इस उपलक्ष्य में सुहागिन महिलाएं उन्हें सिंदूर अर्पित कर आशीर्वाद लेती हैं। महिलाएं सिंदूर खेला के दिन पान के पत्तों से मां दुर्गा के गालों को स्पर्श कर उनकी मांग और माथे पर सिंदूर लगाकर अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना करती हैं। फिर मां को पान और मिठाई का भोग लगाया जाता है।शारदीय नवरात्र में दुर्गा अष्टमी और सिंदूर खेला के लिए रायगढ़ की कालीबाड़ी मंदिर शहर का ऐसा मंदिर है जहां दुर्गा अष्टमी की पारंपरिक विधि-विधान से पूजा कर दशमी के दिन सिंदूर खेला का आयोजन किया जाता है। मंदिर में दुर्गा अष्टमी और सिदूर खेला की परंपरा करीब 86 साल पहले शुरू हुई थी और आज भी चलती आ रही है। सिदूर खेला के लिए बंगाली समुदाय की महिलाओं के साथ स्थानीय महिलाएं भी पहुंचती हैं और सिंदूर खेला में भाग लेते हुए परिवारिक सुख-शांति की कामना करती हैं।


