June 20, 2025

बरखा ने मांगी माफ़ी…लेकिन संजना नहीं समझौते के मूड में….विचार-विमर्श जारी-वैजंती लहरे..

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सामना न्यूज़:-रायगढ़:-अवैध कब्जा हटाने के नाम पर कांग्रेस नेत्रियों के बीच उपजा विवाद सुलझता नज़र नहीं आ रहा और कहीं ना कहीं पारी जिलाध्यक्ष बरखा सिंह के हाथों छूटती नज़र आ रही है क्योंकि संगठन सहित कांग्रेस पार्षदों का एक बड़ा धड़ा संजना शर्मा के पक्ष में समर्थन करता नज़र आ रहा है।बरखा सिंह के माफ़ीनामे के बावजूद संजना समझौते के मूड में दिखाई नहीं दे रहीं हैं।प्राप्त जानकारी के आधार पर-इस मामले में प्रदेश स्तर पर भी बरखा सिंह को अभद्र भाषा का प्रयोग करने के लिए फटकार सुननी पड़ रही है।

अब तक की अपडेट:- इस पूरे घटनाक्रम से पार्टी हाई कमान को अवगत कराया।पीसीसी ने इस मामले में एक कमेटी का भी गठन किया जो दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद निर्णय करेगी।चूंकि इस संबंध में दोनों पक्षों की तरफ़ से शिकायत की गई थी इसलिए दोनों पक्ष का सुना जाना ही पीसीसी को सही लगा।
वहीं बुधवार को छत्तीसगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम ने जिला महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष बरखा सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस संबंध में एक बैठक रखी गई।बैठक में मौजूद कांग्रेस जिला कमेटी के पदाधिकारियों ने दोनों कांग्रेस नेत्रियों से अपना पक्ष रखने कहा:-

क्या कहा महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने :-बरखा सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि–उन्हें ज़िला महिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही कई बार संजना शर्मा ने उनके प्रति नकारात्मक रवैया अपनाया है यहां तक की जब अतिक्रमण की कार्रवाई की जा रही थी उसमें मेरा या मेरे मकान का कोई वास्ता नहीं था बावजूद इसके संजना ने जानबूझकर विवाद की स्थिति निर्मित की।संजना द्वारा बार बार मुझे टारगेट किए जाने पर उस दिन मैंने भी आवेश में आकर गलती की और अपना आपा खो अभद्र भाषा का प्रयोग किया।मैं अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफ़ी मांगती हूं और यह आश्वासन देना चाहती हूं कि भविष्य में इस तरह की गलती मेरे द्वारा दोहराई नहीं जाएगी इसलिए इसे मेरी पहली व आख़िरी गलती समझ कर मुझे माफ़ किया जाए।

कांग्रेस पाषर्द नेत्री संजना शर्मा:-वार्ड क्र.26 की पार्षद संजना शर्मा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जिलाध्यक्ष अगर सही थी तो आज उन्हें माफी मांगने की जरूरत क्यों पड़ी? उस दिन बरखा सिंह ने मेरे साथ जो गाली गलौज की उससे मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है।जिसके लिए मैं उन्हें हरगिज़ माफ़ नहीं कर सकती अब यह पार्टी का निर्णय है कि उसे माफ करे या नहीं लेकिन यदि उसे पार्टी से निष्कासित नहीं किया गया तो मैं अपना इस्तीफ़ा जरूर दूंगी।

क्या कहती हैं वैजंती नंदू लहरे(छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी प्रभारी) :- हमने दोनों पक्षों की बात सुनी है इस मामले में हमने अभी अपनी जांच रिपोर्ट पेश नहीं की है क्योंकि इस मामले में अन्य सदस्यों की राय लेना बाकी हैउनसे विचार विमर्श किया जा रहा है।जिसके पश्चात ही हम अपनी जांच रिपोर्ट प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम को भेजेंगे। इस मामले में आखिरी निर्णय उनका ही होगा।

बरखा सिंह की मुश्किलें बढ़ेंगी ?:-बहरहाल,कांग्रेस नेत्रियों के बीच मचे इस घमासान में कांग्रेस की जमकर किरकिरी हो रही है। मीडिया में इस विवाद के नित नए मोड़ निकलकर सामने आ रहे हैं।अभी तक के सारे वाकये घटनाक्रम और कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के बयान के आधार पर समीक्षा की जाए तो यह कहा जा सकता है कि.. ज़िला महिला कांग्रेस कमेटी की जिलाध्यक्ष की कुर्सी खिसकती नज़र आ रही है और यदि उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाता है तो कहीं ना कहीं ये जिलाध्यक्ष के राजनैतिक कैरियर के लिए बेहद नुकसानदेह साबित होगा।