अधिवक्ता संघ की रैली कल….प्रदेश के सभी जिला एवं तहसील मुख्यालयों से शामिल होंगे अधिवक्ता..लिपिक रामप्रसाद सिदार पर एफआईआर व निलंबन की मांग..


सामना न्यूज़:-रायगढ़:-रविवार कोअधिवक्ता संघ रायगढ़ की ओर से भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन में भाग लेने प्रदेश के सभी जिला एवं तहसील मुख्यालयों से अधिवक्ता अपने ड्रेस कोड में रैली में शामिल होने रायगढ़ पहुंचेंगे । रायगढ़ के अंबेडकर चौक में धरना स्थल में सभी इकट्ठे होंगे और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा में माल्यार्पण के पश्चात रैली कलेक्ट्रेट होते हुए शनि मंदिर रामनिवास टॉकीज चौक, सुभाष चौक , गांधी प्रतिमा श्याम टॉकीज रोड होते हुए गद्दी चौक पुत्री शाला रोड तमस्कर, गौरी शंकर मंदिर गोपी टॉकीज और चक्रधर नगर चौक होते हुए अंबेडकर प्रतिमा के पास स्थित धरना स्थल मैं इस रैली का समापन होगा। रैली के पश्चात बीएसएनएल कार्यालय के सामने स्थित सिंधी धर्मशाला में प्रदेश के सभी जिला एवं तहसील मुख्यालयों से आए अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधियों के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।

सवंरा अनुसूचित जनजाति है या नहीं:-तहसील कार्यालय में विवाद मामले में मुख्य प्रार्थी राम प्रसाद सिदार की जाति पर सवाल खड़े हुए हैं। ऐसे में अधिवक्ता संघ रायगढ़ की ओर से कलेक्टर एवं राज्य शासन को नोटिस जारी करते हुए रामप्रसाद को बर्खास्त करने एवं उस पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग भी की गई है। अधिवक्ता संघ की ओर से राज्य शासन को नोटिस थमाते हुए रामप्रसाद सिदार को बर्खास्त किए जाने सहित उस पर धारा 420 सहित अन्य धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किए जाने की मांग की है, साथ ही यह मांग भी की गई है कि उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।
अधिवक्ता संघ की दलील:-अधिवक्ता संघ की ओर से राज्य शासन को की गई शिकायत में यह कहा गया है कि अधिवक्ताओं के खिलाफ शिकायत करने वाला शिकायतकर्ता रामप्रसाद सिदार स्वयं को सवंरा बताते हुए खुद को अनुसूचित जनजाति का सदस्य बता रहा है और इसी आधार पर वह तहसील कार्यालय में लिपिक पद पर पदस्थ है। इसी जाति के आधार पर उसने अधिवक्ताओं पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज करवाया है। यह दलील दी गई है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिका डब्ल्यूपीसी क्रमांक 644/ 219 कृष्णकांत वर्सेस यूनियन बैंक ऑफ इंडिया व अन्य के मामले में पारित निर्णय 06/12/ 2019 (डी.बी.) में सवंरा जाति को अनुसूचित जनजाति नहीं माना गया है, इसलिए रामप्रसाद सिदार अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं है। जबकि रामप्रसाद स्वयं को अनुसूचित जनजाति का सदस्य बताते हुए गैर कानूनी तरीके से शासकीय नौकरी में कार्यरत है। ऐसे में राज्य शासन की ओर से उस पर राज्य शासन को धोखा देने के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420 467, 468, 471 के तहत तत्काल एफ आई आर दर्ज कराया जाए साथ ही उसे तत्काल निलंबित किया जाए।
अधिवक्ता संघ ने दी चेतावनी:-अधिवक्ता संघ रायगढ़ की ओर से यह चेतावनी भी दी गई है कि यदि 15 दिन के भीतर इस मामले में कार्यवाही नहीं की जाती है तो यह माना जाएगा कि कलेक्टर सहित छत्तीसगढ़ शासन के सचिव और मुख्यमंत्री एवं शासन प्रशासन के तमाम अधिकारी, नियुक्तिकर्ता और पदाधिकारी भी इस अवैध कृत्य एवं धोखाधड़ी करने वाले रामप्रसाद सिदार के साथ हैं । ऐसे में इन सभी को पार्टी बनाते हुए सक्षम न्यायालय में वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
