रायगढ़-सरिया मार्ग में महानदी पुल पर चक्काजाम खुला…2 मार्च को होगी सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के विरुद्ध दायर याचिका की सुनवाई….जनभावनाओं के अनुरूप निर्णय नहीं हुआ तो पुनःकरेंगे उग्र आंदोलन–जगन्नाथ पाणिग्राही

सामना न्यूज़:-रायगढ़:-बरमकेला विकासखंड के बहुप्रतीक्षित मांग लंबे समय के बाद भी पूरा नहीं होने पर अपने पूर्व घोषणा के मुताबिक बड़ी संख्या में लोग बरमकेला विकासखंड को रायगढ़ जिले में ही यथावत रखे जाने की मांग के साथ सर्वदलीय जिला संघर्ष समिति के बैनर तले 28 फरवरी सोमवार को सूरजगढ़-नदीगांव महानदी पुल पर चक्काजाम किया और पुल के बीच टेण्ट लगाकर शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की।
15 अगस्त को मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चार नए जिले की घोषणा की थी जिसमें नया जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ शामिल है। प्रस्तावित नए जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में सारंगढ़,बिलाईगढ़ और बरमकेला विकासखंड को जोड़ने का निर्णय शासन प्रशासन ने लिया है।जब इसकी घोषणा की गई थी तभी से बरमकेला विकासखंड की पुरजोर मांग रही है कि हमें रायगढ़ जिले में ही यथावत रखा जाये। बावजूद इसके शासन-प्रशासन द्वारा जनभावनाओं को कुचलने का प्रयास लगातार किया जा रहा है।अब तक विकासखंड बरमकेला की मांग लंबित है इसे लेकर जिला संघर्ष समिति ने एक बार फिर शासन प्रशासन को चेतावनी देते हुए महानदी पर बने छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी पुल पर धरना प्रदर्शन एवं चक्काजाम आंदोलन किया।
मुख्यमंत्री की घोषणा अधर में-
छत्तीसगढ़ की पारम्परिक त्यौहार नवाखाई पर्व के दिन मुख्यमंत्री निवास पहुंचे सैंकड़ों की संख्या में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं नागरिकों से मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की जन भावनाओं का ख्याल रखते हुए आश्वासन दिया था कि आप लोग जहां रहना चाहते हैं,रह सकते हैं। इसके लिए प्रशासन द्वारा दिशा निर्देश जारी किया जाएगा जिसका पालन करते हुए दावा आपत्ति के दौरान अपनी दावा आपत्ति प्रस्तुत कर देवें। इसके बाद बरमकेला विकासखंड के 224 गांव से लोगों ने 16 हजार से भी ज्यादा लोगों के द्वारा दावा आपत्ति समय-समय में तहसीलदार बरमकेला के सामने पेश की फिर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
एसडीओपी व तहसीलदार समझाइश देते रहे पर प्रदर्शनकारियों ने उनकी एक न सुनी:-चक्काजाम के दौरान प्रशासन की ओर से सारंगढ़ एसडीओपी प्रभात पटेल व तहसीलदार बरमकेला अनुज पटेल के द्वारा समझाइश का दौर जारी रहा परंतु ठोस आश्वासन न मिलने के कारण आंदोलन कारी अपनी बातों पर अड़े रहे। लिहाजा करीबन रात्रि 8 बजे सारंगढ़ अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नंदकुमार चौबे मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों के साथ चर्चा की फिर भी बात नहीं बनी।
जनभावनाओं के अनुरूप निर्णय नहीं हुआ तो पुनःकरेंगे उग्र आंदोलन:-भाजपा नेता जगन्नाथ पाणिग्राही ने बताया कि मोबाइल के माध्यम से जिला कलेक्टर भीम सिंह के साथ सकारात्मक बात हुई जिसमें उन्होंने कोविड-19 का हवाला देकर दावा आपत्ति की सुनवाई में देरी की बात कही है।साथ ही मामले की अविलंब निराकरण करने की बात कहकर हमें पुल में किया गया चक्काजाम एवं बरमकेला में चल रही अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन को खत्म करने के लिए आह्वान किया जिस पर सर्वदलीय जिला संघर्ष समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया और चक्काजाम एवं धरना प्रदर्शन को स्थगित करने की घोषणा की है।साथ ही संघर्ष समिति ने यह चेतावनी दी है कि यदि इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं होता है तो आगे और उग्र आंदोलन करेंगे।सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला के विरुद्ध दायर याचिका की सुनवाई 02 मार्च को :-जिला संघर्ष समिति के सदस्य एवं सरिया मण्डल भाजपा महामंत्री चूड़ामणि पटेल ने बताया है कि माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य जगन्नाथ पाणिग्राही,सरिया नगर पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल स्वर्णकार,लेन्ध्रा मण्डल भाजपा अध्यक्ष भूतनाथ पटेल के द्वारा नवीन प्रस्तावित जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ के खिलाफ याचिका दायर की गई है।जिसकी सुनवाई की तारीख माननीय उच्च न्यायालय ने 02 मार्च तय किया है।
उन्होंने कहा कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के विरुद्ध दायर याचिका को खारिज होने की बात कहके कुछेक लोगों ने झूठ का सहारा लेकर क्षेत्र की जनमानस को दिग्भ्रमित करने का कुंठित प्रयास की जा रही है।ऐसे लोगों को समय पर आने पर क्षेत्र की जनता जनार्दन लोकतंत्रीय परंपरा के माध्यम से मुंहतोड़ जवाब देगी।
चक्काजाम के दौरान आवागमन में हुई परेशानी:-
चक्काजाम होने के कारण भारी वाहनों सहित यात्री बसों,दो पहिया,चार पहिया वाहनों की लंबी कतार लग गई। परिणाम स्वरूप आवागमन कर रहे लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा। फिलहाल बड़ी तादाद में पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहा जिससे कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
