हसदेव अरण्य बचाओ-प्रकृति बचाओ..एकजुट होकर समर्थन में आए जन संगठन.. किया विरोध प्रदर्शन..

सामना न्यूज़:-रायगढ़:-हसदेव अरण्य को लेकर देशभर में चर्चा बनी हुई है मुद्दा पर्यावरण संपदाओं से अच्छादित इस वन में वनों की कटाई और खनन से जुड़ा है दरअसल हसदेव में बीस से अधिक जगहों पर कोयला निकालने के लिए खदान बनाने का प्रस्ताव है।कई सामाजिक व प्रकृति प्रेमी संस्थाएं इन दिनों अंधाधुंध हो रही इन वनों की कटाई को लेकर विरोध जता रहे हैं।हसदेव अरण्य में निवासरत लाखों नागरिकों द्वारा हसदेव अरण्य बचाव अभियान चलाया जा है जिसके तहत रायगढ़ के कई जन संगठनों ने इस अभियान के समर्थन में अपनी एक जुटता दिखाई और गांधी प्रतिमा चौक में एकजुट होकर प्रकृति बचाने अपनी सक्रियता का प्रदर्शन किया उन्होंने कहा कि पेडों की कटाई कर प्रकृति का विनाश किया जा रहा है जो सभी के लिए घातक है। प्रकृति के संरक्षण के लिए हम लगातार प्रयत्नशील हैं औऱ अपनी इस लड़ाई को आगे भी जारी रखेंगे इस दौरान सभी ने कोयले उत्खनन पर तत्काल रोक लगाने की मांग भी की।
दुनिया भर में विरोध के बावजूद राज्य सरकार ने एक बार फिर कल सोमवार की हसदेव के जंगलों में बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की शुरू करवा दी हसदेव अरण्य में निवासरत लाखों नागरिकों की भावनाओं के विपरीत, लाखों पेड़ों की बलि देकर, हजारों परिवार को विस्थापित कर कोल माइंस की स्थापना की जा रही है। हालांकि ग्रामीणों के विरोध स्वरूप वन विभाग व पुलिस को पीछे हटना पड़ा और कटाई रोक दी गई।
