June 24, 2025

अटल सेना टीम प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गोरख ने अग्निपथ स्कीम का समर्थन कर किया युवाओं का ध्यानाकर्षण..अभिव्यक्ति

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सामना न्यूज़:-रायगढ़:-अभिव्यक्ति-दिनेश गोरख—●विश्व मे कम से कम 100 देशों मे सेना मे काम करना अनिवार्य माना जाता है कम से कम दो साल की नौकरी करना अनिवार्य है।भारत मे अग्निवीर पद्धति के अनुसार सेना मे चार साल नौकरी का विकल्प है. आपको यह नौकरी करने के लिए कोई बाध्य नही कर सकता ना ही सेना के इस नौकरी से देश की अन्य नौकरी पर कोई असर पड़ने वाला है।

●अग्निवीर एक ऐसा जरिया है जिसके तहद मात्र चार साल की नौकरी सुनिश्चित की जाती है उसके बाद 25% अग्नीवीरों को स्थाई रुप से सेना मे नौकरी मिल जाती है और शेष 75% कोई अन्य नौकरी कर सकते हैं। 

● सेना मे प्रशिक्षण केवल हथियार चलाने के लिए नही होता है हथियार चलाना तो कुल प्रशिक्षण का 10% भी नही है अन्य 90% शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण मे जाता है शारिरीक और मानसिक रुप से प्रशिक्षित 1.5 लोग अन्य जाब, जैसे फ्लिपकार्ट, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, सेल्समैन, लाजिस्टिक/ट्रांस्पोर्टेशन इत्यादि जैसे लाखों जाब के लिए उपलब्ध रहेंगे।

●प्राइवेट कम्पनियाँ  जो आज इस बात के लिए भारत की निंदा करती है कि यहाँ के लोगों मे स्किल उपलब्ध नही है उनको पके पकाए 1.5 लाख लोग प्रतिवर्ष मिलेंगे जो ईमानदारी और अनुशासन की शिक्षा लेकर आए हैं इससे प्राइवेट इंडस्ट्री को बूस्ट मिलेगा।

●यदि कोई 17 साल मे आर्मी ज्वाइन करता है तो 21 मे वह रिटायर होगा. 24 मे ग्रैजुएट होगा और उस समय उसके पास शुद्ध ट्रेनिंग और 12 लाख रुपैये मौजूद रहेंगे।

●वर्तमान में देश मे सिर्फ 1% परिवार सरकारी नौकरी के बदौलत चलते है 99% लोग अपना रोजगार खुद करते हैं प्रश्न ये है कि कानून किसके पक्ष मे बनना चाहिए, जिससे 99% लोगों का भला हो या फिर 1% लोगो का।