June 24, 2025

प्रशासनिक ज़िम्मेदारियों के अलावा भी टी.आई मनीष नागर का मानवीय चेहरा….एक साल की फीस जमा कर ग़रीब परिवार की बेटी का कराया दाखिला..

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सामना न्यूज़ :-रायगढ़:-शहर के सिंघम कहे-माने जाने वाले कोतवाली थाना प्रभारी मनीष नागर जितने कड़क अपराधों के प्रति हैं उतने ही संवेदनशील महिला सबंधी अपराधों पर भी है। अपनी प्रशासनिक ज़िम्मेदारियों के अलावा भी मानवता का परिचय देते हुए लोगों की यथासंभव मदद भी किया करते हैं।अपनी इसी सकारात्मक कार्यशैली के साथ आज फिर एक बार उन्होंने मानवता का परिचय दिया है।

क्या है मामला:- थाना चक्रधरनगर अतरमुड़ा क्षेत्र निवासी व गरीब यादव परिवार की होनहार बीटिया जो अब तक शासन की आर. टी. ई योजना अंतर्गत ज्ञान ज्योति नामक निजी स्कूल में पढ़ाई कर रही थी लेकिन इस साल अचानक स्कूल बंद हो जाने के कारण बच्ची की पढ़ाई प्रभावित होने लगी चिंतित परिवार क्षेत्र के अन्य निजी स्कूल में ही अपनी बेटी का दाखिला करवाना चाहता था। जिसके लिए उन्होने पूर्व स्कूल से अनापत्ति भी प्राप्त कर ली थी। परन्तु सम्बन्धित स्कूल प्रबंधन ने बिना जिला शिक्षा अधिकारी के लिखित अनुमति के बीटिया का दाखिला लेने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कई बार आवेदन लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यलाय में हाजिरी दी। परन्तु साहब ने सरकारी स्कूल में पढ़ाने का फरमान देकर इससे ज्यादा हम कुछ नही कर सकते है कहते हुए पल्ला झाड़ लिया।


इस पर परिवार ने यह तय कर लिया कि आज स्कूल खुले पूरे 10 दिन हो गए हैं,लेकिन उनकी होनहार बेटी अब भी पढ़ाई से वंचित है। ऐसे में तख्ती/पोस्टर ले कर कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठने के अलावा उनके पास और कोई चारा नही बाकी है और आज सुबह 11 बजे पूरी तैयारी के साथ यादव परिवार मासूम बीटिया को साथ लेकर कलेक्ट्रेट गेट के सामने आ बैठा। परिवार के सभी ने हाथों में तख्तियां पकड़ा ली थी ।इतने में यहां टी आई मनीष नागर वहां आ पहुंचे।
उन्होने यादव परिवार की समस्या सुनी और कहा इस तरह मासूम बीटिया को सड़क पर लेकर बैठना अच्छा नही लगता है। आप सब मेरे साथ चलो और पहले बीटिया का एडमिशन आपके पसंद के स्कूल गुरु द्रोण में करवाते है। इसके बाद आप स्वयं जिला शिक्षा अधिकारी से बात भी करेंगे और बीटिया को आर टी ई का लाभ भी दिलवाएंगे।इस तरह परिवार वालों को अपनी पेट्रोलिग वाहन में साथ बिठाकर नगर कोतवाल मनीष नागर गुरु द्रोण स्कूल आ पहुंचे। उन्होने स्कूल प्रबन्धन से बात कर एडमिशन की प्रक्रिया पूरी की और तुरन्त अपनी तरफ से एक साल की स्कूल फीस जमा कर दी।


इसके पश्चात स्कूल संचालक फागुलाल सिंह ने भी स्कूल की तरफ से बीटिया के परिजनों को यूनिफार्म और दूसरी अन्य जरूरी चीज़ों की खरीदी के लिए अपनी तरफ से आर्थिक मदद की। साथ ही सबको यह भरोसा भी दिलाया कि बीटिया को आगे आर टी ई का लाभ मिले या न मिले,परन्तु 12 वीं तक उसकी पढ़ाई की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन सिर्फ आधी फीस पर ही उठाएगा।

इस तरह अपनी बेहतरीन कार्यशैली और सकारात्मक सोच के लिए मनीष नागर ने जिस तरह तत्काल मानवता की मिसाल पेश करते हुए यादव परिवार की बड़ी सहायता की, वह वाकई काबिले तारीफ़ है। बीटिया का एडमिशन होने के बाद यादव परिवार ने भी कोतवाल श्री नागर सहित स्कूल प्रबंधन और उपस्थित पत्रकारों के प्रति आभार व्यक्त किया।