ब्रेकिंग न्यूज़:-बड़े पैमाने पर आईएएस अधिकारियों का तबादला..रानू साहू अब रायगढ़ की नई कलेक्टर..

सामना न्यूज़:-रायगढ़:-छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में बड़े पैमाने पर आईएएस अफसरों का तबादला किया गया है।जिसमें रायगढ़ सहित 19ज़िलों के कलेक्टर बदले गए हैं। छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने यह आदेश जारी किया है।आदेश में कुल 37 आईएस अधिकारियों का तबादला किया गया है जिसके मुताबिक रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार को बिलासपुर का कलेक्टर बनाया गया है।उनकी जगह अब सर्वेश्वर भूरे रायपुर के नए कलेक्टर होंगे इसी तरह रायगढ़ कलेक्टर भीम सिंह को मुख्य कार्यपालन अधिकारी नवा रायपुर अटल विकास प्राधिकरण के पद पर नियुक्ति किया गया है।वहीं अब उनकी जगह कोरबा कलेक्टर रानू साहू रायगढ़ की नई कलेक्टर होंगी। संजीव कुमार झा अब कोरबा कलेक्टर नियुक्ति किये गए हैं।
कलेक्टर रानू साहूब:- गरियाबंद जिले के एक छोटे से गांव पांडुका में जन्मी प्रतिभाशाली आईएएस रानू साहू तेज तर्रार छवि के लिए पहचानी जाती हैं।आईएएस रानू साहू 2005 में आईपीएस बनने के बाद कोरबा डीएसपी के रूप में सेवाएं दे चुकी हैं। आईएएस उनकी कोरबा में पहली पदस्थापना हुई।इसके पूर्व वह डायरेक्टर हेल्थ, बालोद कलेक्टर, कांकेर कलेक्टर, एसडीएम सारंगढ़, सीईओ जिला पंचायत कोरिया, आयुक्त नगर निगम बिलासपुर, एडीएम अंबिकापुर के पद पर सेवाएं दे चुकी हैं।
रानू साहू बचपन से ही पढ़ाई में बहुत बेहतर थीं। उन्होंने 10वीं कक्षा में उस दौर में 90 फीसदी अंक हासिल किए थे।साल 2005 में डीएसपी बनी थीं तो उनके गांव में लोग अचंभित रह गए थे। रानू साहू की टीचर्स का साथ मिला उनके मार्गदर्शन से उन्होंने सोचा कि वो आत्मनिर्भर बनने के साथ कुछ बड़ा करेंगी। ऐसे में उन्होंने सोच लिया कि वो पुलिस में जाएंगी। उन्हें पुलिस की वर्दी बहुत आकर्षित करती थी। वो खुद को हमेशा पुलिस की वर्दी में देखतीं और सपने देखती थीं। उन्होंने ठान लिया कि वो डीएसपी बनेंगी।
रानू साहू ने ग्रेजुएशन के बाद सोचना शुरू कर दिया और अपने पिता को इस बारे में बताया। बेटी के पुलिस में जाने की बात सुनकर पिता भड़क गए। उनके पिता एक मामूली किसान थे वो नहीं चाहते थे कि बेटी पुलिस में जाए क्योंकि इसे एक सही क्षेत्र नहीं माना जाता था। पिता के मना करने पर काफी रोई और अपने घर में पिता और परिवार के लोगों को समझाया। ऐसे में उनकी मां ने उनके पिता से बात की तब जाकर बाप-बेटी की अनबन को कम किया।माँ ने बेटी का हौसला बढ़ाया और पिता को मनाने में रानू साहू की मदद की। आखिरकार रानू साहू ने पिता को कन्वेंस कर लिया और पुलिस की तैयारी करने फॉर्म भर दिया। हाई कोर्ट ने रिज्ल्ट पर रोक लगा दी थी लेकिन जब दोबारा रिजल्ट घोषित किया गया तो वो पास हुईं। ऐसे में रैंक के हिसाब से उन्हें डीएसपी का पद मिला।पुलिस की ट्रेनिंग के साथ ही उन्होंने IAS की तैयारी भी जारी रखी। IAS बनने का चस्का लगा तो वो एग्जाम देती रहीं आखिरकार उन्होंने साल 2009 में IAS का एग्जाम भी क्लियर किया और कांकेर की कलेक्टर बनीं। वे कांकेर जिले की 14वीं कलेक्टर तथा चौथी महिला कलेक्टर रही हैं।




