नगर निगम की लचर व्यवस्था…नहीं हो रहा नियमित रूप से कचरे का उठाव…जगह-जगह लगा कचरे का अंबार…समस्या वेतन भुगतान या नई नियुक्तियां..?

सामना न्यूज़:-रायगढ़:-शहर की साफ-सफाई की व्यवस्था पर नगर निगम द्वारा प्रतिवर्ष लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं जिसके तहत ही शहर के सभी वार्डों में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन योजना शुरू की गई और तकरीबन 350 स्वच्छता दीदियों की नियुक्ति की गई,लेकिन आलम यह है कि विगत 15 दिनों से कचरा कलेक्शन के लिए कुछ वार्डों में नियमित गाड़ियां नहीं आ रही हैं जिससे मजबूरन लोगों को सड़क किनारे और खाली प्लाटों में कचरा फेंकना पड़ रहा है। इस कारण से कई वार्डों की कालोनियों में सड़कों के किनारे कचरे के ढेर लगे हुए हैं। यही कचरे नाले-नालियों में जमा होकर परेशानी का सबब भी बन जाते हैं।कई बार कूड़ा नहीं उठने से नाराज़ लोग उसमें आग लगा देते हैं। जिससे पूरा माहौल धुएं के गुबार से दूषित होता है। इस कूड़े की वजह से बीमारियों का अंदेशा भी बना रहता है।
वहीं लोगों का कहना है कि सफाई व्यवस्था पर लाखों खर्च कर मंगाई गाड़ियों के बाद भी शहर गंदा ही दिखाई दे रहा है।इस पर जनप्रतिनिधि और अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।डोर टू डोर कचरा एकत्रित करने के लिए दिन दो बार जाना अनिर्वाय है। लेकिन सही मॉनीटरिंग नहीं होने से इस व्यवस्था का लाभ शहर के लोगों को सही तरीके से नहीं मिल पा रहा है।कचरा कलेक्शन शहर की सफाई का जिम्मा नगर निगम पर है, लेकिन कई बदलाव करने के बाद भी निगम डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की सही व्यवस्था नहीं बना पाई है। लिहाज़ा शहर के पॉश एरिया से लेकर अन्य कॉलोनियों में नियमित कचरा कलेक्शन नहीं हो रहा। डोर-टू-डोर के नाम पर यूजर चार्ज निगम के अधिकारी पूरा ले रहे हैं। बावजूद इसके व्यस्था काफी लचर है।
क्या कहती हैं स्वच्छता दीदी:- स्वच्छता दीदियों की मानें तो उन्हें महीनों से वेतन का भुगतान नहीं किया है जिससे कुछ स्वच्छता दीदियों ने काम छोड़ दिया है। साथ ही रिक्शे भी ख़राब हैं इसलिए सभी वार्डों में नियमित रूप से कचरे का उठाव नहीं हो पा रहा है।
रायगढ़ महापौर जानकी काट्जू का कहना है कि वेतन भुगतान की समस्या नहीं है,कुछ स्वच्छता दीदियों ने अपनी मर्जी से काम छोड़ा है उनकी जगह नई नियुक्तियां की जा रही हैं।जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त कर ली जाएगी।
बहरहाल मामला चाहे वेतन भुगतान का हो या फिर नई नियुक्तियों का..परेशानी आम जनता को ही हो रही है।और जल्द ही इसका निराकरण नहीं किया गया तो बरसात के दिनों में यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है।
