June 25, 2025

छत्तीसगढ़ विधानसभा में पहली बार प्रस्तुत होगा..”डिज़िटल बजट”!…..बजट को लेकर आपसी खींचतान जारी…

IMG_20220915_145551.jpg
Share

सामना न्यूज़:-रायपुर:-छत्तीसगढ़ विधानसभा में पहली बार बजट को ऑनलाइन प्रस्तुत करने की तैयारी चल रही है इसके लिए वित्त विभाग ने प्रस्ताव भेजा है जिस पर विधानसभा में काम चल रहा है अगर ऐसा हुआ तो विधायकों को मैनुअल बजट की कापी नहीं दी जाएगी बल्कि उनकी टेबल पर ही मॉनिटर लगे होंगे इसके पूर्व सभी विधायकों को इसे ऑपरेट करने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी इससे सरकार के खजाने में करोड़ों रुपए भी बचेंगे इसके पहले उत्तराखंड, असम और उड़ीसा में ई-बजट पेश हो चुका है केंद्र सरकार ने भी 2021 और 2022 का बजट ऑनलाइन पेश किया था।विधानसभा और वित्त विभाग के तकनीकी अधिकारियों के बीच डिजिटल बजट विषय पर बैठक हो चुकी है।इस बार ज्यादातर विधायक युवा व शिक्षित हैं इस वजह से उन्हें मानिटर आपरेट करने में दिक्कत नहीं होगी नए बजट के लिए वित्त विभाग ने विभागों से ऑनलाइन प्रस्ताव मंगवाए हैं।बजट 2022-23 के शैड्यूल के अनुसार इस पर काम प्रारंभ हो रहा है प्रदेश में इस बार राज्य सरकार का नया बजट चुनावी बजट होगा इसमें जनता के लिए कई रियायतों और सुविधाओं का प्रावधान किया सकता है माना जा रहा है कि यह छत्तीसगढ़ का अब तक का सबसे बड़ा बजट हो सकता है मंत्री अमरजीत भगत ने भी डिजिटल बजट को आने वाले समय के लिए बेहतर बताया….

इस मुद्दे पर धरमलाल कौशिक का कहना है कि:-आने वाला समय डिजिटल का ही जमाना है डिजिटल बजट का प्रयास अच्छी बात है लेकिन बजट की राशि हमारे यहां खर्च नहीं हो पाती मुख्य तौर पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने बजट के ना खर्च किए जाने का सरकार पर आरोप लगाया और कहा बजट में राशि दिखाई जाती है पर खर्च के लिए प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिलती…. जिसकी वजह से बजट में डले हुए बिंदु लेप्स हो जाते हैं

नेता प्रतिपक्ष के बयान पर रविंद्र चौबे ने पलटवार करते हुए कहा:-धरमलाल कौशिक काफी वरिष्ठ हैं लेकिन उन्हें वित्तीय मामलों का अध्ययन नहीं है जब कभी भी बजट पेश होता है वह बजट अन स्क्रुटनाइज बजट ही पेश किया जाता है इसलिए उसमें अनुमानित शब्द लिखा होता है और यह केवल कांग्रेस की सरकार ने कम खर्च किया ऐसा नहीं होता देश की जितनी भी सरकारें हैं जब भाजपा की भाजपा की सरकार थी तब उसके खर्च करने की प्रक्रिया भी उसी प्रकार की होता है इसलिए बजट पहले अनुमानित ही तय किया जाता है और वास्तविक खर्च उससे भिन्न होता है शायद धरमलाल कौशिक को इसकी जानकारी नहीं है कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि मैं आग्रह करूंगा कि केंद्र सरकार के पास छत्तीसगढ़ के लगभग 5 हज़ार करोड रुपए की राशि है जो राज्य को लेनी है उसके संदर्भ में कुछ कहें केंद्र को चिट्ठी लिखे और छत्तीसगढ़ सरकार की मदद करें ताकि हम ज्यादा खर्च कर पाए।

फिलहाल डिजिटल बजट अब तक पेश नहीं हुआ है….. लेकिन पार्टियों के बीच बजट को लेकर खींचतान की प्रक्रिया शुरू हो गई है आने वाले समय में यह देखने वाली बात होगी कि आखिरकार क्या वाकई छत्तीसगढ़ में डिजिटल बजट पेश होता है या फिर यह बजट महज़ चर्चाओं और तैयारियों में ही रह जाती है निश्चित ही इस बजट का स्वागत सभी पार्टियों ने किया है लेकिन यह देखने वाली बात होगी कि आखिरकार डिजिटल बजट से छत्तीसगढ़ को क्या लाभ होता है।