जीएसटी के नियम पर भाजपा और कांग्रेस आमने सामने…क्या है नया नियम…

सामना न्यूज़:-रायगढ़:-जीएसटी के नए नियम ने कारोबारियों को परेशान कर दिया है। नए नियम के अनुसार अब जीएसटी में कोई भी पंजीकृत व्यापारी 200 रुपए या उससे ज्यादा का सामान बिना बिल के नहीं बेच पाएगा। रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए मात्र 200 रुपए का भी सामान बेचने पर बिल देना अनिवार्य कर दिया गया है। इस बिल में 11 तरह की जानकारी देनी पड़ रही है। राज्य के बड़े व्यापारिक संगठनों ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ ही विभाग के आला अफसरों को इस नियम को बदलने के लिए ज्ञापन सौंप दिया गया है। जिस पर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा केंद्र की मोदी सरकार जनता को लूटने का काम कर रही है। वही भाजपा इस पर कह रही है मुख्यमंत्री पर कोरोना के खर्चे पर और शेष लगाने के दुरूपयोग पर श्वेत पत्र जारी होना चाहिए।
कांग्रेस के मीडिया प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा केंद्र की मोदी सरकार जनता से लुटोगे तो विपक्षी दल चुप बैठे रहेंगे। केंद्र की मोदी सरकार 200 रुपए के सामान में जीएसटी ले रहे हो पहले तो ये नहीं था। आटा, दूध. पनीर, दहि, नमक जैसी सामांग्रियो पे जीएसटी नहीं लगाया जाएंगे बाद में इसमें भी जीएसटी लगा दिया गया।लगातार जीएसटी टैक्स को गब्बर सिंह टैक्स को जनता के गले में फास बना कर रखा है।भाजपा के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा:-टैक्सेसन के बारे में कांगेस और छत्तीसगढ़ सरकार को कोई बात करने का अधिकार नहीं है उनको ये स्पष्ट करना चाहिए की शेष लगाया उन्होंने दारू पर कोरोना के लिए गोठान के विकास के लिए अंग्रेजी पर उसका खर्चा कहा है पहले उसका ब्यौरा दे फिर केंद्र सरकार पर आरोप लगाए। कोरोना के खर्चे पर और शेष लगाने के दुरूपयोग पर श्वेत पत्र जारी होना चाहिए। छत्तीसगढ़ के शेष के पैसो की मुख्यमंत्री ने अपनी मनमर्जी से लूट की है।
बिल देना कब जरूरी उससे संबंधित नियम:–एक व्यापारी चिल्हर में 200 रु. से कम का सामान दिनभर में किसी ग्राहक को कई बार भी बेचता है, तो वह दिन भर का एक ही बिल बना सकता है। जैसे तीन ग्राहकों को 90, 130 और 190 का माल बेचता है तो एक ही बिल बनेगा।
लेकिन यदि किसी व्यापारी ने किसी ग्राहक को 200 या उससे ज्यादा की कीमत का सामान बेचा तो उसे उस ग्राहक का अलग से बिल बनाकर देना अनिवार्य होगा। चाहे वह ग्राहक जीएसटी में रजिस्टर्ड हो या न हो।
किसी व्यापारी ने किसी ग्राहक को 50 हजार से ज्यादा का माल बेचा और वह व्यक्ति जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं है, तो बिल में व्यक्ति का नाम, पता, राज्य का नाम, कोड और सामान कहां डिलीवर होगा यह सभी जानकारी बिल में देनी होगी।
