“निर्धन को धनवान बना दे … वहशी को इंसान बना दे …ये हिन्दू मुस्लिम एक ही थाली में खाएं…ऐसा हिंदुस्तान बना दे या अल्लाह”–जुनैद सुल्तानी…सद्भावना कव्वाली में बांधा समां… झूम उठे लोग… Watch video…

सामना न्यूज़:-रायगढ़:-बीती रात संदल कमेटी रायगढ़ द्वारा सद्भावना कव्वाली आयोजन मिनी माता चौक में रखा गया, जिसमें देश के मशहूर कव्वाल मुम्बई से जुनैद सुल्तानी ने कव्वाली पेश की। उससे पहले वे एक निजी होटल में पत्रकारों से रूबरू हुए और बड़ी संजीदगी से हर सवालों का जवाब दिया।जुनैद जी अपने होठों से घुँघरू की आवाज़ निकाले जाने के लिए भी मशहूर हैं इसलिए एक पत्रकार की जब इसकी फरमाइश की तो उन्होंने घुँघरू की आवाज़ निकालकर अपनी इस कला को भी मीडिया से साझा किया। वहीं देर रात आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने सूफियाना कव्वाली और कोमी एकता का पैगाम देने वाली कव्वाली पढकर समां बांध दिया। उन्होंने देश में अमन चैन दुआ और हिंदू मुस्लिम एकता के लिए दुआ की। लोगों को अपने कव्वाली के माध्यम से इसके लिए प्रेरित किया और सैकड़ों अकीदत मन ने तशरीफ़ फरमा के सवा बेदारी हासिल की। जिससे हज़ारो की तादाद में युवा झूम उठे और ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए तालियां बजाकर इंस्तक़बाल किया। कव्वाली के इस शानदार प्रोग्राम में रायगढ़ सीएसपी अभिनव उपाध्याय व जूटमिल चौकी प्रभारी के.के. पटेल,भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने भी शिरकत की। इस कार्यक्रम के दौरान जुनैद सुल्तानी जी ने कहा कि मैंने सुना था कि रायगढ़ कलानगरी के नाम से मशहूर है और यहां क़ौमी एकता काबिले तारीफ़ है लेकिन आज वास्तव में हमने महसूस किया रायगढ़ की क़ौमी एकता वाक़ई बेमिसाल है।”…बहती है जो देश में गंगा बहने दो…इऊ करते हो देश में दंगा रहने दो…लाल हरे रंगों में हमको मत बांटों.. छत के ऊपर एक तिरंगा रहने दो…
सीएसपी अभिनव उपाध्याय के लिए पढ़ा शेर:-जुनैद सुल्तानी जी ने सीएसपी के लिए शेर पढ़ते हुए कहा कि- “जीते जी अपने किसी दिल को न रोने दूंगा…बीज नफ़रत का न किसी के दिल में न बोने दूंगा…जान हाज़िर है मेरी जान के टुकड़े कर दो…मैं अपने भारत के टुकड़े होने नहीं दूंगा…“
संदल कमेटी ने किया मुख्य अतिथियों का स्वागत:-कमेटी के सदस्यों द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने वाले सीएसपी अभिनव उपाध्याय, जूटमिल प्रभारी के. के पटेल, भाजपा के जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल,मंजुल दीक्षित, पूर्व सभापति सलीम नियरिया व अन्य का गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया।
