June 23, 2025

एक साल बाद हुई नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक..15 प्रस्तावों पर हुई चर्चा..भाजपा ने लगाए जनहित के मुद्दों को एजेंडे में शामिल नहीं किए जाने के आरोप…

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सामना न्यूज़:- रायगढ़:- नगर निगम सभागार में एक साल  बाद सामान्य सभा की बैठक हुई. इस दौरान कई मुद्दों पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने रहे। सामान्य सभा की बैठक में सभी एमआईसी सदस्य मौजूद थे।इस दौरान शहर सरकार की मुखिया महापौर, सभापति, नेता प्रतिपक्ष तथा निगम कमिश्नर सहित कांग्रेस व भाजपा के पार्षद व एल्डरमेन मौजूद रहे। परिषद की बैठक में प्रश्नकाल के बाद  कुल 15 प्रस्तावों पर चर्चा की गई इनमें पांच प्रस्ताव पुराने सम्मिलित किए गए थे। प्रश्नकाल में 12 पार्षदों द्वारा चौबीस प्रश्न रखे गए थे जिसमें अमृत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट, अतिक्रमण जैसे मुख्य मुद्दों पर विपक्ष ने सवाल दागे तो सत्ता पक्ष ने उनका जवाब दिया इस बीच पक्ष व विपक्ष के बीच काफी नोक झोंक हुई।

बैठक की शुरुआत प्रश्नकाल से हुई जहां  भाजपा पार्षद पंकज कंकरवाल ने संजय कॉम्प्लेक्स का निर्माण जल्द से जल्द पूरा किए के साथ ही  प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आबंटित किए जाने और आवासों की बदहाल स्थिति के संबंध में सवाल किए। पार्षद सीनू राव ने  आक्रामक रुख में सवाल करते नगर निगम द्वारा निर्मित निवासों की बदहाल स्थिति  बिजली,पानी साफ सफाई की बदहाल व्यवस्था को लेकर सवाल किया। साथ ही  मरीन ड्राइव पर बनी दुकानों के आबंटन को लेकर सवाल किए। पार्षद सुभाष पांडेय ने ट्रांसपोर्टनगर स्थित दुकानों की अव्यवस्था पर  सवाल करते हुए कहा कि पचास लाख रुपए की राशि स्वीकृत की जा चुकी है बावजूद इसके पहले गौठान फिर डंपिंग यार्ड बना दिया गया।पार्षद सपना सिदार ने सर्वे सूची में नाम नहीं शामिल होने की वजह से आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे उनके वॉर्ड के दो विकलांगों को पेंशन दिलाने की मांग की।

वहीं इस बैठक में भाजपा पार्षदों ने कहा की बैठक में शहर विकास से संबंधित जनहित के मुद्दे शामिल नहीं किए गए और ना ही उनके द्वारा पूछे गए सवालों का सकारात्मक जवाब उन्हे मिल पाया नगर निगम की सामान्य सभा के इंतजार में शहर के विकास कार्योंं के प्रस्ताव अटक गए हैं। हर दूसरे महीने होने वाली सामान्य सभा साल भर से बुलाई ही नहीं गई है। इससे ना तो शहर विकास के मुद्दों में चर्चा या बहस नहीं हो सकी और ना ही निर्माण कार्यों पर चर्चा या स्वीकृति हो पाई।