एक ही ट्रैक पर यात्री ट्रेन और मालगाड़ी आमने-सामने!….यात्रियों में मचा हड़कंप……रेलवे ने जारी किया स्पष्टीकरण …

सामना:- जयराम नगर रेलवे ट्रैक पर एक मालगाड़ी खड़ी हुई थी।उसी समय कोरबा के लिए चल रही मेमू लोकल भी डेढ़ से 200 मीटर के दायरे के बीच आकर खड़ी हो गई। सभी को यह लगने लगा कि या घटना मालगाड़ी और मेमू लोकल के ड्राइवर की सक्रियता की वजह से टल गई हालांकि सच्चाई तो यही है कि ऑटो सिग्नल प्रणाली की वजह से एक ट्रैक पर चल रहे अलग-अलग ट्रेनों को ट्रेनों की वास्तविक स्थिति व दूरी का अंदाजा लग जाता है और ये एक निश्चित दूरी से ज्यादा किसी भी ट्रेन को आगे बढ़ने नहीं देता है।लेकिन घबराए यात्री ट्रेन से नीचे उतर गए और सभी अपने अपने मोबाइल से फोटो वीडियो लेकर इसे रेलवे की चूक व लापरवाही बताते हुए शोशल मीडिया में जमकर वायरल करने लगे।
यह है पूरा मामला:- दरअसल यह पूरी घटना एसईसीआर बिलासपुर मंडल के जयराम नगर सेक्शन की है।यहां एक ही ट्रेक पर आमने सामने डेढ़ से दो सौ मीटर के दायरे पर मालगाड़ी और लोकल ट्रेन को देखकर मेमू लोकल में सवार यात्रियों के बीच हड़कम्प मच गया।ट्रेन के रुकते ही सभी आनन फानन में कूदते फांदते ट्रेन से नीचे ट्रेक पर उतरकर खड़े हो गए।इतना ही नही सभी रेलवे की लापरवाही बताते हुए मोबाइल से फोटो वीडियो लेकर सोशल मीडिया में भी शेयर करने लगे।रेलवे ने जारी किया स्पष्टीकरण:– हालांकि इस घटना के बाद रेलवे की हो रही फजीहत के बाद रेलवे ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए लिखा कि इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि जयरामनगर-बिलासपुर सेक्शन ऑटोमेटिक सिग्नलिंग ब्लॉक सेक्शन है।रेलवे सामान्य नियम के अनुसार जहां भी ऑटोमेटिक सिग्नलिंग ब्लॉक सेक्शन है।वहां एक ही लाइन पर एक से अधिक गाड़ियों का सुरक्षित परिचालन एक ही समय में सिग्नल के आधार पर किया जाता है।इन गाड़ियों का परिचालन भी इसी नियम के अनुसार किया गया।जमकर भड़के यात्री:– जानकारी के आभाव में सभी इस घटना को ओड़िसा के बालासोर से जोड़ते हुए रेलवे पर जमकर बिफरे।वहीं इस मामले में लोगों का कहना था कि हम मान लेते है ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली अच्छी योजना है लेकिन फिर भी अगर हादसा हो जाता तब इसका जिम्मेदार कौन होता।आखिर कब रेलवे अपनी कुंभकर्णी नींद से जागेगा??।क्या रेलवे को सिलसिलेवार हो रहे हादसे नजर नही आ रहे है या फिर रेलवे चाहता है आमजनों का जनाक्रोश रेलवे के प्रति फूटे।
