ब्रेकिंग न्यूज़:- मुट्ठी में चांद!..भारत का मिशन मून चंद्रयान 3 लॉन्च…..चार साल बाद भारत की आसमान में विजयघोष की तैयारी…

सामना:- जिस दिन का पूरे देश को बड़ी ही बेसब्री से इंतजार था, वह दिन आ चुका है।आज देश के करोड़ों लोगों की उम्मीदों के साथ चंद्रयान-3 लॉन्च हो चुका है जो चांद तक अपनी यात्रा की शुरुआत करेगा।यह चंद्रमा के लिए भारत का तीसरा मिशन है जो आज यानी शुक्रवार 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.35 बजे लॉन्च हुआ।श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM3M4 रॉकेट चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में लेकर जाएगा।
क्या है चंद्रयान-3… चंद्रयान-3 के जरिए ISRO एक बार फिर से चंद्रमा की सतह पर रोवर उतारने की कोशिश कर रहा है।इससे पहले साल 2019 में चंद्रयान-2 के जरिए चंद्रमा की सतह पर उतरने की कोशिश की गई थी, लेकिन यह मिशन अपने अंतिम चरण में विफल रहा।रोवर की सॉफ्ट लैंडिंग होनी थी, लेकिन हार्ड लैंडिंग की वजह से इसरो को उस समय निराश होना पड़ा था।चंद्रयान-3 का रोवर अगर सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर लैंड करता है तो अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन जाएगा।
LVM3-M4 रॉकेट सच में बाहुबली रॉकेट है। इसमें भारी-भरकम पैलोड लेकर उड़ने की क्षमता है। इसी वजह से ISRO के वैज्ञानिक इसे फैट ब्वॉय (Fat Boy) भी कहते हैं. यही रॉकेट चंद्रयान-3 के साथ ही देश की उम्मीदों ने भी उड़ान भरी।अगर सब कुछ प्लान के अनुसार ही आगे बढ़ता है तो अगले ही महीने यानी अगस्त में हमारा चंद्रयान-3, चंद्रमा की जमीन पर उतरकर उसे चूम रहा होगा. चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए बेहद खास है क्योंकि इसमें भारत में ही निर्मित प्रपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर शामिल हैं।यह भविष्य में इंटर-प्लैनेटरी मिशन के लिए जरूरी नई तकनीक के विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। आज का यह मिशन LVM3 का चौथा मिशन है, जिसके जरिए चंद्रयान-3 मिशन को जियो ट्रांस्फर ऑर्बिट में भेजा जाएगा। LVM3 लॉन्च वहिकल अपनी असीम क्षमताओं के लिए जाना जाता है। यह जटिल से जटिल मिशन में अपनी उपयोगिता साबित कर चुका है। इस रॉकेट के जरिए बहुत सारे उपग्रहों (Satellites) को एक साथ अंतरिक्ष में भेजा जा सकता है। इसरो के अनुसार यह सबसे बड़ा और भारी रॉकेट है, जिसके जरिए डॉमेस्टिक और इंटरनेशनल ग्राहकों के रॉकेट को भी लॉन्च किया जाता है।
