आखिर क्यों अत्यंत आवश्यक है बीमा पॉलिसियों में नॉमिनी अपडेट कराना…अहम जानकारी… जो बचा सकती है आपको अनेक परेशानियों से…


रायगढ़… अक्सर देखा गया है कि कई योजनाओं में जमा पैसा उन्हीं संस्थाओं में पड़ा रह जाता है जिनमें वह निवेश किया गया है। उसका कारण यह है कि जमाकर्ता द्वारा अपने परिवार के समक्ष या तो कभी भी उस बात का जिक्र नहीं किया गया या फिर उनके पास रखे गए कागजात पर परिवार जनों की नजर नहीं पड़ी और ना ही उन्हें यह मालूम था कि कितना पैसा कहां पर निवेश किया गया था। क्योंकि कई बार तो यह परिवार से छुपकर भी किया गया निवेश होता है इस बीच यदि जमाकर्ता नहीं रहता तो उस पैसे का क्लेम करने वाला भी कोई नहीं रहता ऐसे में वह पैसा बिना क्लेम किए ही रह जाता है। यह भी देखा गया है कि कई बार लोग अपनी जमा योजनाओं में नॉमिनी नहीं कराते या फिर किसी मंदिर, ट्रस्ट, या फिर अपने किसी गुरुआश्रम , को नॉमिनी बना देते हैं वहीं कुछ लोग नॉमिनी कराने के बाद उसे समय-समय पर अपडेट नहीं करते मान लीजिए किसी व्यक्ति ने अपनी पॉलिसी में नॉमिनी अपनी पत्नी को बनाया है परंतु दुर्भाग्यवश यदि उसकी पत्नी उनसे पहले ही स्वर्गवासी हो जाती हैं और पॉलिसी दस्तावेजों में नॉमिनी अपडेट न हो करके दूसरी नामिनी दर्ज नहीं कराई जाती है और बीमा धारक भी दुर्भाग्यवश स्वर्गवासी हो जाते हैं तो यह पैसा बिना नॉमिनी के क्लेम ही नहीं हो पाता और उनके वारिसों को माननीय न्यायालय से उत्तराधिकार प्रमाणपत्र लेना होता है तभी क्लेम बन पाता है। कई बार तो परिजनों केआपसी झगड़े में भी कई क्लेम फंसे रह जाते हैं इसलिए अपने किसी भी जमा योजना में नॉमिनी अवश्य कराना चाहिए और उसे समय-समय पर अपडेट भी करते रहना चाहिये।

क्या कहते हैं जानकर…
इस संबंध में निवेश सलाहकार पारस मोटवानी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि सभी व्यक्तियों को अपने हर जमा योजना में नॉमिनी अवश्य करानी चाहिये भले ही वह जॉइंट अकाउंट हो पर नॉमिनी अवश्य होनी चाहिये। वही अपनी सभी जमा योजनाओं के खाता नंबर संस्था का नाम पता फोन नंबर तथा यदि किसी निवेश सलाहकार के माध्यम से निवेश किया गया हो तो उसका पता मोबाइल नंबर तथा स्कीम का डिटेल कि इस स्कीम में कब-कब क्या-क्या मिलना है यह सभी एक डायरी में नोट कर लेना चाहिए ताकि उनके बाद उनके परिजनों को इस बात का ध्यान रहे कि उन्हें किस-किस पैसे को क्लेम करना है। उन्होंने कहा कि नॉमिनी को समय-समय पर चेक करके अपडेट भी करते रहना चाहिए पारस मोटवानी ने बताया कि कई बार कुछ लोग अपने निवेश की जानकारी अपने परिजनों को नहीं देते जबकि होना यह चाहिए कि उन्हें अपने निवेश की संपूर्ण जानकारी अपने परिजनों को अवश्य देनी चाहिए ताकि न केवल उस निवेश की जानकारी परिवार के पास हो बल्कि उसे देख सुनकर उन्हें भी बचत की आदत लग सके। उन्होंने कहा कि नॉमिनी में बुजुर्ग व्यक्ति होने पर उसके साथ साथ परिवार के किसी युवा सदस्यों को भी द्वितीय नामिनी के रूप में दर्ज करना चाहिए ताकि किसी अनहोनी की दशा में द्वितीय व तृतीय नॉमिनी भी आसानी से उस पैसे को क्लेम कर सके, एक ही जमा योजना में दो तीन नॉमिनी भी उनके अधिकार का प्रतिशत देकर दर्ज करायी जा सकती हैं। या बराबर बराबर अधिकार भी दिया जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी वसीहत भी लेखबद्ध करनी चाहिए और उसे रजिस्टर्ड भी कराना चाहिये। पारस मोटवानी ने कहा कि निवेशक अपने गाढ़े खून पसीने की कमाई को सदैव किसी सजग सलाहकार के माध्यम से निवेश करें ताकि उसका रिकॉर्ड उस सलाहकार के भी पास बना रहे ऐसे में यदि जमाकर्ता से कोई भूल चूक होती है तो वह निवेश सलाहकार उस परिवार को समय पर सूचित करते हुए उन्हें उनके हक का क्लेम दिलवाने में उनकी मदद कर सके।
पारस मोटवानी
मोटवानी कंसल्टेंसी
