June 20, 2025

केआईटी के आंदोलनरत कर्मचारियों ने निकाली पदयात्रा..विधायक को सौंपा ज्ञापन…

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सामना:- रायगढ़:- 25 जुलाई से अपनी लंबित पाँच सूत्रीय मांगों को लेकर केआईटी कर्मचारी संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।मांगों पर प्रशासन द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिए जाने पर केआईटी के समस्त कर्मचारियों द्वारा गुरुवार की सुबह महात्मा गाँधी प्रतिमा चौक स्थित गांधी प्रतिमा में माल्यार्पण कर शांतिपूर्ण पदयात्रा निकाली जी।यह पदयात्रा गांधी प्रतिमा से होते हुए सुभाष चौक, गद्दी चौक, हण्डी चौक,सत्तीगुड़ी चौक से होते हुए विधायक विधायक कार्यालय पहुंची जहां सभी ने विधायक कार्यालय के सामने बैठकर जमकर नारेबाजी की और विधायक को ज्ञापन सौंपा।

किरोड़ीमल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉलेज शासन की अनदेखी की वजह से बंद होने की  कगार पर आ गया है। कॉलेज के प्रोफेसर व कर्मचारियों को पिछले 16 माह से वेतन भी नही मिला है। वेतन भुगतान व शासकीय महाविद्यालय के अनुरूप फीस व अन्य सुविधाएं देने सहित 5 सूत्रीय मांग को लेकर कर्मचारी पिछले एक महीने से हड़ताल पर है। इस बीच कोई भी जनप्रीतिनिधि उनकी सुध लेने नही पंहुचे जिस पर हड़तालीन कर्मचारियों ने आज गांधी प्रतिमा चौक से पैदल मार्च करते हुए विधायक कार्यालय पहुंचकर विधायक प्रकाश नायक को ज्ञापन सौंपा।हालांकि इसके पूर्व विधायक प्रकाश नायक ने केआईटी के प्रोफेसर और कर्मचारियों को वेतन दिलवाया था,लेकिन कॉलेज के प्रोफेसर व कर्मचारियों को पिछले 16 माह से वेतन नही मिला है।धरने पर बैठे कर्मचारियों से बातचीत के दौरान विधायक प्रकाश नायक ने कहा कि मैं कॉलेज का मालिक नही हु। पूर्व में भी मैंने प्रयास कर आप लोगो को वेतन दिलवाया था। बोर्ड के अध्यक्ष से इस सबध में बात करो मैं केवल सदस्य हु। इस पर केआईटी प्रोफेसर व कर्मचारी नाराज हो गए और उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वेतन दिलवाना अहसान नही होता।

जीविकोपार्जन हुआ कठिन कर्मचारी हो गए हताश परेशान कर्मचारियों ने बताया कि वेतन नही मिलने के कारण वे आर्थिक व पारिवारिक समस्याओं से घिर गए है। उम्र के अधिवार्षिकी के अधर में है। कही और संस्थान में काम मिलना मुश्किल हैं, पैसे के आभाव में इलाज, घर की जिम्मेदारी, बेटे बेटियों का विवाह, तक नही करवा पा रहे हैं। वही कई ऐसे भी कर्मचारियों का मकान बिकने की स्थिति में है। ईपीएफ और भविष्यनिधि हेतु जमा राशि भी खत्म हो चुकी है । जिन अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा लोन लिया गया है वो लोन की किश्त जमा नहीं कर पा रहे हैं जिसके कारण कई तरह की कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है । अधिकारियों / कर्मचारियों की मानसिक स्थिति अवसाद में है । वहीं जीविकोपार्जन करना कठिन हो गया है।

डीएमएफ से राशि आवंटन कराने की योजना भी खटाई मेंआंदोलन में शामिल कर्मचारियों ने बताया कि उनके सामने आर्थिक संकट आने से परिवार को दो वक्त का भोजन भी करवाने में समक्ष नही हो पा रहे है । इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि करीब दो साल 2 करोड़ रुपये डीएमएफ से स्वीकृति दी गई थी लेकिन अधिकारियों के बार बार बदलने की वजह उनका वेतन भी लटक रहा है। हालांकि यह राशि स्वीकृत हुआ जिसमें कर्मचारियों को 7 से 8 माह का ही वेतनमान भुगतान किया गया। किंतु उसके बाद कोई पहल नही हो पाया।यही वजह है कि अब आंदोलन में आरपार की लड़ाई लड़ी जा रही हैं।