June 21, 2025

“हौसले अगर बुलंद हों..तो नामुमकिन कुछ भी नहीं”…रायगढ़ के गौरव श्री ने कर दिखाया अनोखा कारनामा..की 10 कि.मी.ब्लाइंड फोल्ड साइकिलिंग…

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   सामना:-रायगढ़:-क्या आंखों पर पट्टी बांधकर कोई देख सकता है,पढ़ सकता है या ड्राइंग कर सकता है तो जवाब है नहीं,लेकिन इस नहीं को भी हां में बदलने का माद्दा रखते हैं संत माइकल स्कूल के 12 वर्षीय प्रतिभाशाली छात्र गौरव श्री बेहरा। जी हां गौरव एक ऐसी कला में माहिर हो चुका है,जिसे सुनकर हर कोई दांतों तले उंगली दबा बैठता है।आंखों में पट्टी बांधकर भी देख पाने की इस अद्भुद कला से गौरव श्री ने कुछ नया करने की सोची जिसके तहत शनिवार को हाई रेंज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड अटेम्प्ट  करने की इच्छाशक्ति लिए उसने इन्दिरा विहार से ब्लाइंड फोल्ड साइकिलिंग की,हालांकि गौरव ने यह यात्रा तकरीबन 10 किलोमीटर की,लेकिन उनका यह प्रयास भी सराहनीय रहा। उसके इस प्रयास से वह और उनके माता पिता बेहद खुश हैं।

आंखों में पट्टी बांध कर देख सकते हैं गौरव: हौसला अगर बुलंद हो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं…..इसे चरितार्थ करते हैं गौरव श्री बेहरा।गौरव श्री एक ऐसी कला में माहिर हो चुका है, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे।दरअसल ये छात्र कक्षा 7वीं में पढ़ता है और अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर किताब, कॉपी और पेपर पढ़ लेता है,इतना ही नहीं वह आंख पर पट्टी बांध कर कई काम कर लेता है।कोतरारोड राजीव नगर निवासी लक्ष्मी प्रसाद बेहरा और सरिता बेहरा का पुत्र है गौरव श्री बेहरा,जो आंखों में पट्टी बांधकर मीड ब्रेन एक्टिवेशन के जरिए ना केवल पढ़ सकते हैं बल्कि शतरंज खेलने,पेंटिंग बनाने में भी उन्हें महारत हासिल है। बचपन से ही अपने पुत्र गौरव श्री में औरों से कुछ अलग प्रतिभाशाली होने का अहसास जब माता पिता को समझ आया तो उन्होंने  मीड ब्रेन एक्टिवेशन के जरिए उसकी इस खूबियों को कोर्स करवाकर उसे निखारा।गौरव बताते हैं कि आंखों में पट्टी बांधने के बाद उन्हें दोनों आंखों से कुछ दिखाई नहीं देता बल्कि वह अपनी तीसरी आंख जागृत कर ही सब कुछ देख पाते हैं।अपने कॉलेज लाइफ तक में चेस खेलकर एक बेहतर एथलीट्स बनना चाहते हैं उसके बाद साइंटिस्ट बनकर पावर जेनरेट करना चाहते हैं।