एमआईसी में फेरबदल पर भाजपा नेता का बयान..केवल लाभ के बंटवारे का ही है खेल..महापौर को अपनी शक्तियों का नहीं है अहसास….महापौर का जवाब..भाजपा पहले अपने गिरेबां में झांके…

महापौर द्वारा एमआईसी में फेरबदल किए जाने का मुद्दा राजनीतिक गलियारों में रोज़ नई अटकलें लिए सामने आ रहा है। सियासी चिंगारियों को दबाने की कोशिशें बयानबाज़ियो में साफ़ नज़र आ जाती है।अफवाहों के बाजार में रोज़ नया कारण निकलता नज़र आ रहा है।
महापौर का कहना है यह फेरबदल सिर्फ नए सदस्यों को मौका देने के लिए ही किया गया है। उनका एमआइसी सदस्यों और विधायक से कोई मनमुटाव नहीं है।सबकुछ सही चल रहा है।
2 एमआइसी मेंबर्स की वापसी पर जवाब:—
एमआईसी से इस्तीफा देने वाले 4 पार्षदों में से 2 पार्षदों की वापसी पर महापौर ने कहा कि 2 पार्षद वापस आना चाहते हैं और बाकी के 2 पार्षद विधायक से बात करने के बाद ही अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।
इधर इस मामले पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलीम नियरिया का कहना है….कि महापौर ने जल्दबाज़ी में फैसला लिया है। उन्हें फैसला लेने से पहले आपसी सहमति लेनी चाहिए थी।
वरिष्ठ भाजपा नेता आशीष ताम्रकार ने कहा
अब इस मामले में भला भाजपा कहां पीछे रहने वाली है भाजपा नेता आशीष ताम्रकार ने कहा… कि एमआइसी में फेरबदल और 4 पार्षदों का इस्तीफा यह पूरा मामला केवल लाभ के बंटवारे का खेल है और इस पूरे सियासी मुद्दे और कांग्रेस की आपसी गुटबाज़ी का खामियाज़ा शहर विकास पर पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि महापौर सिर्फ एक रिमोट की तरह कार्य कर रही हैं उन्हें अपनी शक्ति का अहसाह नहीं है। जिससे शहर विकास बाधित होगा।
महापौर ने इस मुद्दे पर भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि जब नरेंद्र मोदी अपने मंत्रियों को निकाल सकते हैं तो मैं अपने एमआईसी मंडल का विस्तार क्यों नहीं कर सकती।भाजपा पहले अपने गिरेबान पर झांके।
लेकिन सवाल तो बनता है…1.अगर सबकुछ सही है तो 4 पार्षदों ने इसमें असहमति जताते हुए इस्तीफा क्यों दिया?
2.जब दो पार्षद अपनी वापसी के लिए तैयार हैं तो बाकी के2 पार्षद विधायक से चर्चा के बाद ही जवाब देंगे ऐसा क्यों??
3.अगर मामला सिर्फ नए चेहरों को मौका देने का है तो बाकी मेंबर्स ने इस फैसले को स्वीकार क्यों नहीं किया
